लक्ष्य केवल एक ही होना चाहिए, हॉबी अलग अलग जरूर हो सकती है।
जल्दी समय से सोना और समय से उठना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए जरूरी है।
लक्ष्य मन भटकाव की स्थिति में टूट जाता है।
लक्ष्य अर्जुन की तरह बनाओ, जिन्हें केवल मछली की आंख ही दिखाई दी थी।
लक्ष्य में रोचकता, जिज्ञासा और व्यक्ति में भी समान रूप से ये ही गुण हो तो क्या बात है!
लक्ष्य को लिखकर दीवार पर टांग देने से आधा लक्ष्य अपने आप प्राप्त हो जाता है।
मेरी मंजिल बस एक ही और वो है मेरा लक्ष्य, और कुछ नहीं।
या तो लक्ष्य या तो लक्ष्य, कोई विकल्प नहीं दूसरा केवल लक्ष्य ही लक्ष्य।
लक्ष्य के लिए या तो कुछ कर जाऊंगा या मर जाऊंगा।
लक्ष्य के लिए सब कुछ झोक दूंगा, मनोबल कमज़ोर नहीं होने दूंगा।
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