खुद पर विश्वास रखें | Moral Story In Hindi

खुद पर विश्वास रखें | Moral Story In Hindi

 खुद पर विश्वास रखें

(Belive in YOURSELF)

एक समय की बात है जब एक व्यक्ति अपने घर के बाहर बैठा मन ही मन कुछ सोच रहा था कि उसके समक्ष भगवान प्रकट हुए, भगवान को अपने समक्ष देख कर उस व्यक्ति ने भगवान से एक प्रश्न किया कि, मुझे ज़िन्दगी में अनेक असफलतायें मिली हैं अब मैं थक चुका हुँ, निराश हो चुका हूं, हे भगवान क्या मेरे जीवन का कोई महत्व नहीं? क्या मेरा जीवन व्यर्थ है? मुझे बताओ कि मेरे इस जीवन का क्या महत्व है?




व्यक्ति के इन प्रश्न को पूछने के बाद, भगवान ने उस व्यक्ति को एक नीले रंग का चमकदार पत्थर दिया और कहा "जाओ और इस पत्थर की कीमत पता करो जब तुम इस पत्थर की कीमत का पता कर लोगे तो तुम्हें पता लग जायेगा कि तुम्हारे जीवन का क्या महत्व है, लेकिन एक बात याद रहे कि इस पत्थर को बेचना नहीं है।"


इसके बाद वह व्यक्ति, भगवान के कहे अनुसार उस पत्थर की कीमत पता करने के लिए निकलता है।


व्यक्ति उस नीले चमकदार पत्थर को लेकर सबसे पहले एक फल वाले के पास जाता है और कहता है कि "भाई… ये पत्थर कितने का खरीदोगे?"

फल वाला उस पत्थर को ध्यान से देखने के बाद कहता है कि "भाईसाहब आप 10 आम ले जाओ और ये पत्थर मुझे दे दो।"


जैसे कि भगवान ने पत्थर को बेचने के लिए मना किया था तो वह व्यक्ति ने कहा कि नहीं मैं ये पत्थर नहीं बेच सकता मुझे माफ़ करना।


फिर वह व्यक्ति एक सब्जी वाले के पास जाता है और सब्जी वाले से बोलता है कि "भाई… ये पत्थर आप कितने का खरीदोगे? "


सब्जी वाला उस नीले पत्थर को ध्यान से देखता है और कहता है कि "भाईसाहब मुझसे एक बोरी टमाटर ले जाओ और ये पत्थर मुझे दे दो" फिर उस व्यक्ति ने कहा कि नहीं मैं ये पत्थर नहीं बेच सकता।


इसके बाद वो व्यक्ति उस पत्थर को एक सुनार की दुकान पर जाता है जहाँ तरह-तरह के आभूषण पड़े हुए थे! वह व्यक्ति सुनार से कहता है कि इस पत्थर की कीमत क्या है?


सुनार उस पत्थर को ध्यान से देखने के बाद कहता है कि मैं तुम्हें 1 करोड़ रुपए दूंगा ये पत्थर मुझे दे दो। वह व्यक्ति सुनार से भी माफ़ी मांगते हुए पत्थर को बेचने से मना कर देता है।


फिर वह व्यक्ति उस नीले चमकदार पत्थर को एक हीरे व्यापारी के यहाँ ले जाता है और उस हीरे व्यापारी से उस पत्थर की कीमत पूछता है तो वह हीरा व्यापारी उस पत्थर को पूरे 10 से 15 मिनट तक देखने के बाद एक मखमली कपड़ा लेता है और उस पत्थर को रख देता है और अपना सर पत्थर पर लगाकर माथा टेका और कहता है " ये पत्थर तुम्हें कहाँ से मिला?


"ये मामूली पत्थर नहीं ये इस पूरी दुनिया का अनमोल रत्न है। इस दुनिया की पूरी दौलत भी लगा दी जाए तो भी इस पत्थर की कीमत नहीं लगायी जा सकती।


फिर वह व्यक्ति उस पत्थर को लेकर सीधे भगवान के पास जाता है और आप बीती बताता है और पूछता है कि हे भगवान अब मुझे बताइये कि मेरे जीवन की क्या कीमत है?


भगवान ने कहा "फल वाले, सब्जी वाले, सुनार वाले और हीरे व्यापारी ने तुम्हें तुम्हारे जीवन की कीमत बता दी थी, हे मनुष्य! तुम किसी के लिए एक पत्थर के टुकड़े के समान हो तो किसी के लिए बहुमूल्य रत्न।


हर किसी ने अपनी जानकारी के अनुसार उस पत्थर की कीमत बताई परन्तु उस हीरे व्यापारी ने उस पत्थर को पहचान लिया। ठीक उसी तरह कुछ लोग तुम्हारा महत्व नहीं पहचानते इसलिए ज़िन्दगी में कभी निराश मत होना। इस दुनिया में हर व्यक्ति के पास कोई न कोई हुनर जरूर होता है जो सही समय पर निखर कर आता है इसके लिए परिश्रम और धैर्य की आवश्कता होती है।



कहानी से सीख          

(Moral of the story)

जब तक हम खुद से हार नहीं मान जाते हमें कोई भी नहीं हरा सकता। दोस्तों, हमें खुद पर विश्वास करने की जरुरत है, आप सबसे अलग है और परिश्रम और धैर्य से आप अपने हुनर और व्यक्तित्व को निखार सकते हो।


यह भी पढ़ें -


हार के आगे जीत है


दूसरों पर निर्भर क्यों रहना

हार के भी हार नहीं मानूंगा

Post a Comment

0 Comments