शेर और चूहा | Prerak Kahani

शेर और चूहा | Prerak Kahani

प्रेरक कहानियां हमारे जीवन में रोमांच पैदा करती है और साथ ही साथ हमें बेहतरीन सीख भी देती है। आइए पढ़ते है ऐसी ही एक शानदार Moral Story In Hindi 

 


शेर और चूहा 

(Moral Story Hindi Me)


एक समय की बात है एक जंगल में एक शेर धूप के नीचे आराम से सोया हुआ था और ठंड का मौसम था। 


तभी एक छोटा सा चूहा आता है और वह शेर के शरीर पर कूदने लगता है और खेलने लगता है क्योंकि चूहे को शेर का शरीर बहुत गुदगुदा लगता है। 


कुछ देर तक शेर सोचता है कि चूहा अपने आप चला जाएगा लेकिन जब शेर पूरी तरह गुस्से में हो जाता है तो वह अचानक उठता है और चूहे को पंजे में पकड़ लेता है और बोलता है कि तुमने मुझे परेशान क्यों किया???


अब तुम्हें इसकी सजा मिलेगी और अब मैं तुम्हें खा जाऊंगा....


इतना सब सुनकर चूहा बहुत डर जाता है और वह शेर से विनती करने लगता है कि मुझे छोड़ दीजिए। 


अगर आप मुझे छोड़ देंगे तो कभी आपकी मुसीबत में मैं काम आऊंगा और आपको परेशानी से निकाल दूंगा। 


यह बात सुनकर शेर कुछ देर तक हंसता है और बोलता है कि चूहे तू मेरी क्या मदद कर सकता है तू तो खुद ही मेरे एक पंजे से मर जाएगा लेकिन फिर भी शेर चूहे को मारता नहीं है और उस पर दया करके छोड़ देता है। 


इस बात को बीते ज्यादा दिन भी नहीं होते कि तभी एक दिन शिकारी के द्वारा बिछाए गए एक जाल में शेर फस जाता है। 


शेर उस जाल से निकलने की पूरी कोशिश करता है लेकिन फिर भी नहीं निकल पाता है तो अंत में वह जोर-जोर से दहाड़ने लगता है। 


जब शेर की दहाड़ चूहे को सुनाई देती है तो वह समझ जाता है कि शेर किसी बड़ी मुसीबत में फंसा है.... 


वह तुरंत उसकी आवाज की दिशा में चलना शुरू कर देता है और कुछ ही देर बाद वह शेर के पास पहुंच भी जाता है। 


जब वह देखता है कि शेर जाल में फंसा हुआ है तो वह तुरंत अपने पैने दांतों से जाल को काट देता है और शेर को जाल से बाहर निकाल देता है।

 

जब शेर जाल से बाहर निकलता है तो वह चूहे का शुक्रिया करता है और कहता है कि मैं तुम्हारे अहसान को कभी नहीं भूलूंगा। 


उसके बाद शेर को समझ में आ जाता है कि अपने से छोटे को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए और कभी भी कोई भी काम आ सकता है। 


उसके बाद चूहा और शेर गहरे मित्र बन जाते हैं और एक साथ रहने लगते हैं। 


सीख 

(Moral Of The Story)

एक अच्छा मित्र हजार किताबों के बराबर होता है और कभी किसी के कद को देखकर छोटे बड़े का भेदभाव नहीं करना चाहिए। 

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