जीवन का मकसद होना चाहिए | Motivational Article

जीवन का मकसद होना चाहिए | Motivational Article

जीता तो हर कोई है। क्या हर कोई जीत पाता है और क्या हर कोई सही से जी पाता है?


 जीवन का मकसद होना चाहिए
(Motivational Article)




चाहे कोई भी हो व्यक्ती को स्थिति के अनुकूल और स्थिति के प्रतिकूल दोनो परिस्थिति में खुद को नियंत्रित रखना आना चाहिए। आज के इस घोर कलयुग में ऐसे भव्य पुरुष विरले ही मिलते हैं।


जितना हम तकनीक के गुलाम होते जा रहे हैं उतना हम जीवन जीना भूलते जा रहे हैं क्योंकि सब कुछ इंसान तकनीक की मदद से बगैर मेहनत के आज कर पा रहा है जिससे उसके अंदर आलस बहुत बढ़ता जा रहा है।


हमको इस तकनीकी जीवन को अपने भीतर सीमित करना होगा और जहां जरूरत हो वहां इसे सीमित मात्रा में ही यूज करना होगा और ज्यादा से ज्यादा शारीरिक और मानसिक व्यायाम को जीवन का अभिन्न अंग बनाना होगा।


तभी हम स्वस्थ और निरोगमुक्त रह सकेंगे और ये ही हमारे खुशहाल जीवन का भी आधार है।


ये तो रही सामान्य बाते। अब इनका अनुसरण करने के साथ ही हमें असाधारण मेहनत को भी अंजाम देना होगा तब ही आज के इस competitive युग में हम खुद को सफल बना पाएंगे।


पहले, तो हमें अपना एक लक्ष्य निर्धारित करना होगा फिर उसके लिए अपना शत प्रतिशत योगदान उसमें लगाना होगा और सबसे अहम बात लक्ष्य पाने का कोई शॉर्ट कट नहीं है उसके लिए आपको खुद को तपाना ही होगा। बस ये सब कार्य हमें एक समय सीमा निर्धारित करके अंजाम देने चाहिए। 


जब ही जीवन का एक मकसद जो होगा वो सफल अवश्य बन पाएगा।


आइए जानते हैं लक्ष्य यानी मकसद पाने के कुछ tips :


मकसद यानी लक्ष्य : तैयारी कैसे करें


लक्ष्य की तैयारी करने की सैकड़ों बच्चें टाइम टेबल बनाकर चलते हैं जो कि अमूमन कारगर साबित नहीं होता। जरूरी है कि हम अपने रूटीन को अच्छा करें। रूटीन में अच्छी आदतों को शामिल करें। हेल्दी फूड और साथ में व्यायाम तो पढ़ाई में मन भी लगेगा और लक्ष्य भी आसानी से मिलेगा।


समय से सो जाओ


अगर लक्ष्य को वाकई पाना चाहते हो तो रात भर जागना होगा। रातें काली करनी पड़ेगी। ये सब आज कल महज फिल्मी डायलॉग बनकर रह गए हैं। आज जरुरत है तो बुद्धि की युक्ति की। बात ये नहीं होती कि आप कितना पढ़े बात होती हैं कि आप समझके कितना पढ़े। हमें जल्दी सोकर सुबह जल्दी उठकर पढ़ने से जल्दी याद होता है और जल्दी समझ भी आता हैं क्योंकि हम सुबह एक दम तरोताजा होते हैं।


नोट्स बनाकर पढ़ाई करे


इस competition वाले युग में हमें नोट्स बनाकर पढ़ाई लिखाई करनी चाहिए ताकि बाद में अगर हम कुछ भूल जाय तो लिखा हुआ पढ़कर याद आ जाए और दूसरा हमें नोट्स छोटे बनाने चाहिए और साथ साथ नोट्स के अंदर चित्रों का भी इस्तेमाल करना चाहिए इससे पढ़ाई रोचक बन जाती हैं।


युक्ति से पढ़ें 


आज हर विद्यार्थी केवल पढ़ ही रहा है लेकिन कब क्या पढ़ना चाहिए, कितना पढ़ना चाहिए और कब क्या नहीं चाहिए उसे इस बात का अंदाजा नहीं है। फिर कहते हैं कि मैं 5 साल से तैयारी कर रहा हूं लेकिन एग्जाम नहीं निकल पाता। पढ़ने से ज्यादा जरूरी होता हैं study mangament करके पढ़ना और पूरी प्लानिंग बनाकर पढ़ना।


ग्रुप स्टडी करें


ग्रूप स्टडी इज बेस्ट। ऐसे मित्र बनाए जो आपके साथ के हो। मतलब वो भी आपके जैसे ही same चीज़ कर रहे हों।


सही पुस्तकों का चयन करें


हम अक्सर बाजार से बहुत सी किताबें खरीद लेते हैं और बहुत सी किताबें लेकर पढ़ने बैठ जाते हैं। 5 दिन एक किताब पढ़ते हैं फिर वो छोड़कर दूसरी पढ़ना शुरू कर देते हैं फिर 5 दिन बाद दूसरी पढ़ना शुरू कर देते हैं। ऐसा करने से पढ़ाई हो ही नहीं पाती और हम भटकने में ही लगे रह जाते हैं। बहुत सारी किताबों से कभी पढ़ाई नहीं करनी चाहिए। सबसे अच्छा हैं एक किताब से पढ़ो लेकिन अच्छे से मन लगाकर पढ़ें अगर उसके कुछ प्रश्न समझ नहीं आते तो गूगल या अपने गुरू जी या सीनियर या फिर दोस्तों से पूछे।


एक अच्छा दोस्त हजार किताबों के बराबर


जिस भी विषय की आप तैयारी कर रहे हैं उससे संबंधित दोस्तो की टोली बनाए। बस ये ध्यान रहे कि आपके दोस्त ऐसे हो जो आपको पढ़ाई के प्रति मोटीवेट करें और आपको आपके लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद करने वाले हो। 


उठते बैठते सिर्फ लक्ष्य ही सूझना चाहिए


स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है कि लक्ष्य को पाना है तो उसको अपने शरीर के हर अंग में समा लो। कहने का मतलब की जब तक लक्ष्य नहीं मिल जाता तब तक खूब मेहनत करो।


जिम्मेदारी को समझो


जिम्मेदारी एक ऐसी चीज हैं जो आपसे नामुमकिन चीज भी मुमकिन करवा देती है। जो व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी को अच्छे से समझता है वो लक्ष्य को आसानी से पाता है।


बहाने बनाने छोड़ दो


अक्सर हम जरा जरा जी चीजों को लेकर बहाने बनाने लग जाते हैं। अगर हमारी पढ़ाई में कोई बहाना बीच में आ रहा है तो उसका सॉल्यूशन देखो। बहाना बनाने से कुछ नहीं होने वाला। ये बस आपकी पढ़ाई में बाधा के अलावा और कुछ नहीं लाता।


अपनी कमजोरी को ताकत बनाओ


अक्सर हम गणित और इंग्लिश से बहुत डरते हैं क्योंकि इन सब्जेक्ट्स में अक्सर ज्यादातर बच्चें कमजोर होते हैं। हमें इनसे डरने नहीं हैं। बल्की इन सब्जेक्ट्स को हमें ज्यादा टाइम देना चाहिए और संभव हो तो हमें कोचिंग भी लेनी पड़े तो लेनी चाहिए।


ऑनलाइन पढ़ाई का अच्छा विकल्प


यूट्यूब गूगल पढ़ाई के अच्छे विकल्प है। यहां से बहुत सारे बच्चे पढ़ाई करके अपना भविष्य संवार चुके हैं। उत्कर्ष चैनल और खान सर का चैनल तथा राहुल दैसवाल जैसे टीचर ऑनलाइन बहुत अच्छा पढ़ाते हैं और भी लाखों यूट्यूब पर चैनल हैं। जहां से हम फ्री में ज्ञान पा सकते हैं।


लक्ष्य से बड़ा ना कोई


क्या आप जानते हैं आज विराट कोहली इतने फेमस क्यों है? क्योंकि उन्होंने अपने लक्ष्य को तवज्जो दी। जब विराट कोहली के फादर की डेथ हुई थी तब विराट कोहली की बैटिंग आने वाली थी। विराट कोहली ने अपने फादर की डेथ में जाने के बजाय क्रिक्रेट को प्राथमिकता दी थी और उस मैच में उन्होंने अर्धशतक बनाया था...


इसलिए आज विराट कोहली आज इतना बड़ा खिलाड़ी है। कहने का मतलब ये हैं कि दोस्तों हमें एक्सयूज तो बहुत मिल जाएंगे बनाने के लिए लेकिन वजह एक ही काफी होती हैं लक्ष्य को पाने के लिए।


कभी हार न मानने की जिद्द


हमारे अंदर कभी हार नहीं मानने वाला एटीट्यूड होना बहुत जरूरी है। जब आपके भीतर कभी हार न मानने वाला एटीट्यूड आ जाएगा तो आप खुद ब खुद सफलता की सीढ़ियां चढ़ने लगेंगे।


दूसरो से तुलना करना छोड़ दो


हम दूसरों से तुलना बहुत करते हैं इसीलिए हर बार अक्सर हम अपने लक्ष्य को पर करते करते रह जाते हैं। इसलिए अगर लक्ष्य को पाना है तो हमें दूसरों से खुद की तुलना करना छोड़ना होगा। दूसरा व्यक्ति आज जो कुछ भी है तो वो अपनी मेहनत के दम पर है और हमें भी अपनी मेहनत के बल बूते ही सफल होना है।


दुनिया का सबसे बड़ा रोग : क्या कहेंगे लोग


सफ़लता कभी उम्र देखकर नहीं मिलती। लक्ष्य तो एक जुनून है और उम्र महज एक नंबर है। अगर शिद्दत से लक्ष्य को पाने के लिए युक्ति (planning) करेंगे तो लक्ष्य आसानी से मिल जाएगा। दुनिया के पचड़ों से खुद को दूर रखे तो हो अच्छा है। इस दुनिया में ऐसे हजारों लोग है जो आपके लक्ष्य में रुकावट बनेंगे आपको बस अपने लक्ष्य की ही सुननी है और कुछ नहीं।


काम को कल पर टालना छोड़ दो


90 फीसदी लोग कोई न कोई आलस या बहाना लगाकर आज के काम को कल पर टालते रहते हैं और वो काम कल क्या कभी भी नहीं हो पाता। आपका आपके लक्ष्य के प्रति जो भी काम है जैसे बुक लानी है, लाइब्रेरी जाना है तो ऐसे कामों को तुरंत अभी करें न कि कल।


फोकस होकर पढ़ाई करें


लक्ष्य प्राप्ति के लिए आपको ध्यानमग्न होकर पढ़ना चाहिए। जहां आप बैठकर पढ़ रहे है वहां आपको और आपकी पढ़ाई को कोई भी डिस्टर्ब करने वाला नहीं होना चाहिए।


आशावादी बनें न की निराशावादी


अक्सर हम दूसरों को देखकर सोचने लग जाते है यार शर्मा जी का लड़का 5 साल से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा है और वो खूब पढ़ता है लेकिन उसका सिलेक्शन नहीं हुआ ऐसा सोचकर हम निराश होने लगते है और अपने लक्ष्य से दूर होने लगते हैं। अरे शर्मा जी के लड़के में कुछ न कुछ नहीं बहुत कुछ कमियां रही होंगी जो आपको नहीं करनी है। बस आप आशावादी बने और मोटीवेट होकर अपना काम करते रहे।


संकल्प की दृढ़ता


संकल्प की दृढ़ता ही लक्ष्य की दूरी तय करती है। संकल्प जितना शक्तिशाली होगा जीत का स्वाद उतना ही आनंदमयी रहेगा।


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