बाज की उड़ान
(Hindi Moral Story)
एक बार की बात है, बाज का अंडा मुर्गियों के अंडों के बीच आ गया। जब मुर्गी के अंडे में से चूज़े निकले तो बाज का बच्चा भी उन अंडों में से निकला।
बाज का बच्चा भी अब उन चूजों के साथ ही बड़ा होने लगा और वो ही सब एक्टिविटी करने लगा जो चूज़े करते थे।
बाज का बच्चा भी चूजों की तरह चूँ चूँ करता, उनकी तरह मिट्टी में खेलता और चूजों की तरह थोड़ा सा ही उड़ पाता।
एक बार क्या हुआ कि उसने आसमान में एक बाज को उड़ते हुए देखा। बाज बड़ी ही शान से आकाश में उड़ रहा था।
उसने ये देख बाकी चूजों से पूछा कि " इतनी ऊंचाई पर उड़ने वाला ये शानदार, विशाल पक्षी कौन है?
तब चूजों ने जवाब दिया कि "अरे! वो तो पक्षियों का राजा बाज है, तुम उसकी तरह तो उड़ने की सोचना भी मत क्योंकि तुम तो एक चूज़े हो"
इस बात को उसने सच मान लिया और उसने कभी भी वैसा बनने की कोशिश नहीं की। वो जिंदगी भर चूज़ा ही बनकर रहा और एक दिन अपनी ताकत को पहचाने बिना ही मर गया।
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि हमें अपने भीतर छुपी प्रतिभा को ढूंढना चाहिए और उसे निखारना चाहिए और जहां तक संभव हो सके कुछ न कुछ हमें नया सीखते रहना चाहिए।
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