STORY OF FLYING SIKH
इस वजह से पीछे मुड़कर देखा
Milkha Singh ने अपने career में 80 में से 77 race जीती थी लेकिन वे अपनी इन जीत से खुश नहीं थे।
उनकी एक सबसे सबसे बड़ी भूल उन्हें हमेशा परेशान करती रहती थी।
Actually 1960 के रोम ओलंपिक में मिल्खा सिंह एकदम अपनी जबरदस्त form में चल रहे थे। 400m की दौड़ में Milkha Singh से पूरे देश को gold medal की उम्मीद थी।
जैसे ही Milkha Singh stadium में उतरे तो पूरा stadium तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था, पूरे भारत में एक अलग ही प्रकार का माहौल बना हुआ था।
दौड़ शुरू होती है,धीरे धीरे Milkha Singh सभी athlites को एक एक कर पीछे छोड़ते जाते हैं।
250 meter की दौड़ तक Milkha Singh सबसे आगे चल रहे होते हैं परंतु Milkha Singh पीछे मुड़कर देखते हैं कि कौन सा racer कहां पर है और उनकी इस गलती कि वजह से ही उनके हाथ से gold फिसल जाता है।
उसके बाद भी Milkha Singh चौथा स्थान हासिल करते हैं। उनकी ये ही भूल उन्हें आज भी परेशान करती है।
American racer Otis Davis 44.9 सेकंड के साथ एक नया World record बनाते हैं।
Milkha Singh यहां Rome(Italy) olympic में अपने प्रदर्शन से इतने नाराज़ होते हैं कि वे retirement का मन बना लेते हैं, लेकिन बड़ी ही मशक्कत के बाद, समझाने-बुझाने के बाद वे मानते हैं।
Milkha Singh Achievements and Awards
*Milkha Singh ने 1958 Tokyo (Japan) में हुए Asian games में 200 meter और 400 meter gold medal जीता था। ऐसा कारनामा करने वाले वे first Indian थे।
Story of Flying Sikh
India Pakistan relation अच्छे करने के लिए दोनो देशों के बीच धावकों का एक sprint race का मुकाबला रखा गया।
जिसमें pakistan के famous तेज तर्रार धावक Abdul Basid kaadir और India की शान Milkha Sikh के बीच मुकाबला रखा गया।
परन्तु Milkha singh ने दौड़ने से मना कर दिया क्योंकि उनको pakistan से नफरत सी थी। इसके बाद Pandit Nehru भारत के पहले प्रधानमंत्री जिन्हें Milkha Singh अपने पिता समान मानते थे और काफी respect करते थे, उनके द्वारा समझाने पर दौड़ने के लिए तैयार हो गए।
रेस में मिल्खा सिंह अब्दुल बासिद कादिर को बड़े अंतर से पछाड़ देते हैं।
पाकिस्तान के President General Ayub Khan(1958-1969) मिल्खा सिंह से इतने प्रभावित होते हैं कि उन्हें मेडल देते वक्त उन्हें कहते हैं आज तुम दौड़े ही नहीं उड़े हो इसलिए आज हम तुम्हे फ्लाइंग सिख का खिताब देते हैं।
आज से तुम्हे सारा विश्व फ्लाइंग सिख के नाम से जानेगा।
लेकिन मिल्खा सिंह इस खिताब से उतने खुश नहीं है क्योंकि आखिर उन्हें ये खिताब भी तो पाकिस्तन से जो मिला है।
Milkha Singh Interview
मिल्खा सिंह जब अकेले पड़ गए थे, अनाथ हो गए थे।
तब उस बात के सन्दर्भ में 1 इंटरव्यू में उनसे पूछा गया था तो उन्होंने कहा "जब पेट खाली हो तो देश के बारे में कैसे सोच सकता हूं,जब मुझे रोटी मिली तो देश के बारे में सोचना शुरू किया।"
Milkha Singh Army Selection
मिल्खा सिंह लगातार 3 बार सेना में भर्ती के लिए असफल हुए, आखिरकार उन्हें चौथी बारी में सफलता मिली और वह दौड़ में छठे स्थान पर रहे। उनकी तेज तर्रार, घोड़े से भी तेज, सरपट को देखते हुए उनको आर्मी में खेल प्रशिक्षण की तरफ ध्यान दिया गया।
मिल्खा सिंह घर से स्कूल,स्कूल से घर 10km की दूरी दौड़कर ही तय करते थे। वही अनुभव और अभ्यास उनके काम आया।
मिल्खा सिंह के जीवन में कई सारे लोगों का योगदान भी रहा।
मिल्खा सिंह field sprinter ने अपनी आत्मकथा 'The Race Of My Life' अपनी बेटी sonia savalka के साथ मिलकर लिखी है।
इसी book से प्रेरित होकर movie bhaag milkha bhaag बनी है।
Milkha Singh अपनी किताब में लिखते हैं "एक खिलाड़ी के रूप में जीवन बहुत कठिन है लेकिन निश्चित रूप से ऐसा समय आता है जब आपका मन करता है कि या तो खेल छोड़ दे या फिर कुछ shortcut ले जिससे कामयाब हो सके लेकिन सबको याद रखना चाहिए कि success का कोई shortcut नहीं होता, कोई आसान रास्ता नहीं होता यदि शीर्ष तक पहुंचना है तो अपने अस्तित्व को समाप्त करना होता है।"
Movie Bhaag Milkha Bhaag
भाग मिल्खा भाग मिल्खा सिंह के जीवन पर based बनाई गई एक true story movie है जिसमें indian film actor farahan akhtar ने मिल्खा सिंह का किरदार निभाया है।
ये सुनकर omprakash mehra काफी emotional और प्रभावित हो गए थे।
Omprakash Mehra ने काफी सोचकर Milkha Singh को 1958 में commonwealth games में पहली बार gold medal जीतने पर उस समय का 1 रुपए का नोट खोजकर Milkha Singh को भेंट किया जिसे ग्रहण कर Milkha Singh काफी emotional हो गए थे।
उन्होंने आज भी उसे एक स्मृति चिन्ह के रूप में संभालकर रखा हुआ है।
Milkha Singh विश्व के एक महान धावक रहे और Karl Luis और तमाम athlete उन्हें विश्व का एक great athlete मानते रहेंगे।
मृत्यु (Death Of Milkha Singh)
सदी के एक महान स्प्रिंट धावक मिल्खा सिंह का 19 जुलाई 2021 को कोरोना वायरस से जूझते हुए 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया और उनकी धर्म पत्नी निर्मल कौर जो कि पूर्व भारतीय वॉलीबाल कैप्टन भी रही उनका भी कोरोना वायरस की वजह से निधन हो गया।
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