देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु ने कहा था कि "आराम हराम है" ये सच है दोस्तो। ज़िंदगी में कुछ बनना चाहते हो तो आपको आराम रूपी जीवन को त्यागना होगा और अपने पसीने से, परिश्रम से, बुद्धिमत्ता से जीवन को सीचना होगा जब ही जीवन सार्थक होगा
आराम हराम है
(Pandit Nehru's Thought In Hindi)
दोस्तो आप युवाओं के लिए मेरी तरफ से एक छोटा सा संदेश है आप जीवन के इस पड़ाव को ना बस कुछ समय 2 से 3 साल बस एक लक्ष्य पर समर्पित कर दो बस फिर देखो आप जीवन भर मौज करोगे लेकिन इसका उल्टा करते हो तो फिर नतीजा भी उल्टा होगा।
पंडित नेहरू ने कहा कि आराम हराम है। ऐसा उन्होंने कहा क्योंकि हम आराम पर ध्यान न देकर काम पर ध्यान दें। आज के इस कलियुग में 90 फीसदी लोग आराम ज्यादा करते हैं और काम बहुत कम। ऐसी हालत में तरक्की कैसे होगी
आराम करो लेकिन ज्यादा नहीं। कोई भी चीज़ इस दुनिया में अगर हम ज्यादा कर देते हैं तो वो चिंता का कारण बन जाती है।
जीवन में आगे बढ़ने के लिए नेहरू जी की इस टिप्स को जरुर मानना पड़ेगा तभी रुकी गाड़ी चलना शुरू करेगी। अब सोच ले आपको क्या करना है, निर्णय आपके हाथ में है
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