ओशो के 10 ओजस्वी विचार

ओशो के 10 ओजस्वी विचार

Motivationalwala
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सफाई देने में, और स्पष्ट करने में अपना समय बर्बाद ना करें। लोग वही सुनते है जो वो सुनना चाहते हैं।

ध्यान एक फूल है और दया इसकी खुशबू।

जब वो सांसे तक तुम्हारी नहीं है जो तुम्हारे अंदर चल रही है....तो फिर तुम क्यों इन बाहर के आडंबरों को अपना मान बैठे हो।

खुद को खोजिए, नहीं तो दूसरे लोगों की राय पर निर्भर रहना पड़ेगा जो खुद को नहीं जानते।

सवाल यह नहीं कि मृत्यु के बाद जीवन मौजूद है या नहीं। असली सवाल यह है कि आप मौत से पहले जीवित है या नहीं।

जब तक तुम डरते रहोगे, तुम्हारी जिंदगी के फैसले लोग ही लेते रहेंगे।

अगर मैं चाहूं सुखी होना तो मुझे कोई दुखी नहीं कर सकता।

जीवन ठहराव और गति के बीच के बीच का संतुलन है।

बुद्धि तो संदेह करती है, हृदय करता है भरोसा।

जया ना कर अपने अल्फ़ाज़ हर किसी के लिए, बस ख़ामोश रहकर देख तुझे समझता कौन है...

अगर आप खुद से प्यार करते हो तो आप देखोगे की सब आपसे प्यार करते हैं। अगर आप खुद से प्यार नहीं करते तो कोई आपसे प्यार नहीं करेगा।

उस तरह मत चलिए जिस तरह डर आपको चलाए। उस तरह चलिए जिस तरह प्रेम आपको चलाए। उस तरह चलिए जिस तरह खुशी आपको चलाए।

बुद्धि कभी भी एक सीमा में रहने से नहीं बढ़ती, बुद्धि तो प्रयोगों से बढ़ती है। बुद्धि हमेशा चुनौतियां अपनाने से ही बढ़ती है।

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