बापू के 30 अनमोल विचार | Mahatma Gandhi Thoughts In Hindi

बापू के 30 अनमोल विचार | Mahatma Gandhi Thoughts In Hindi

महात्मा गांधी जी के 30 अनमोल विचार 

(Mahatma Gandhi Thoughts In Hindi)



मैं उसे धार्मिक कहता हूं, जो दूसरो का दर्द समझता है।



जो समय बचाते है वो धन बचाते हैं और बचाया हुआ धन , कमाए हुए धन के बराबर होता है।




लंबे लंबे भाषणों से कहीं अधिक मूल्यवान है इंच भर कदम बढ़ाना




आप जो भी करते है वह कम महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप कुछ करे।



ऐसे जिए जैसे कि आपको कल मरना है और सीखे ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है।




खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।



आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता सागर के समान है, यदि सागर की कुछ बूंदें गंदी है, तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता।




व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है वह जो सोचता है, वह बन जाता है।



ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है, यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है।




बापू ने कहा है स्वास्थ्य ही असली संपत्ति है, न कि सोना और चांदी।



भूल करने में पाप तो है ही, परंतु उसे छुपाने में उससे भी बड़ा पाप है।



पहले वो आपको अनदेखा करेंगे , उसके बाद आप पर हंसेंगे, फिर वो आपसे लड़ेंगे और तब आप जीत जाएंगे।



सब धर्म एक ही शिक्षा देते हैं, बस उनका दृष्टिकोण अलग अलग है।




मेरा मन मंदिर है, मैं किसी को भी अपने गंदे पांव के साथ मेरे मन से नहीं गुजरने दूंगा।



खुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, सामंजस्य में हो।



एक राष्ट्र की संस्कृति उसमें रहने वाले लोगों के दिलों में और आत्मा में रहती है।



आपके विचार ही आपके जीवन का निर्माण करते हैं।



जैसा आप दुनिया को बनाना चाहते हैं, पहले वैसा खुद ही बनिए।



कुछ लोग सफलता के सपने देखते हैं जबकि कुछ लोग जागते हैं और मेहनत करते हैं।



खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है खुद को दूसरो की सेवा में लगा दो।



आपकी अनुमति के बिना आपको कोई दुख नहीं पहुंचा सकता।



शुद्ध हृदय से निकला हुआ वचन कभी निष्फल नहीं होता।



कमज़ोर किसी को माफ नहीं कर सकते, माफ करना मजबूत लोगों की निशानी है।



विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए जब विश्वास अंधा हो जाता है तो तर्क मार जाता है।



अपनी बुराई हमेशा सुने, अपनी तारीफ कभी न सुनिए।




काम की अधिकता नहीं, अनियमितता आदमी को मार डालती है।

स्वामी विवेकानंद के प्रेरक विचार

आजादी का कोई मतलब नही यदि इसमें गलती करने की आजादी शामिल न हो।



मौन सबसे सशक्त भाषण है इसलिए मौन रहिए। धीरे धीरे पूरी दुनिया आपको सुनेगी।



रामायण का पाठ करते रहना व्यर्थ है यदि आप राम जैसा आचरण नहीं करते।



केवल प्रसन्नता ही एकमात्र इत्र है जिसे आप दूसरो पर छिड़के तो उसकी कुछ बूंदे अवश्य ही आप पर भी पड़ती है।



विश्वास करना एक गुण है, अविश्वास दुर्बलता की जननी है।


अपनी भूलों की स्वीकारना उस झाड़ू के समान है जो गंदगी को साफ कर उस स्थान को पहले से अधिक स्वच्छ कर देती है।


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