आज की इस पोस्ट में हम लाए है एक बेहतरीन प्रेरणादाई और दमदार कविता जो आपको भीतर से भरपूर मोटिवेशन से भर देगी।
सपने
(Dreams)
जो बनना था मैं वो बन नहीं पाया
बाद में सारा जग का ताना खाया
हर कोई नहीं होता सफल
लेकिन कोशिश नहीं होती उसकी विफल
पल पल तुम संघर्ष करो
पल पल तुम करो लड़ाई खुद से खुद की
जो बनना था वो बन जाओगे
फिर कभी ये बात नहीं दोहराओगे
हर कोई नहीं होता सफल
लेकिन कोशिश नहीं होती उसकी विफल
पल पल तुम संघर्ष करो
पल पल तुम करो लड़ाई खुद से खुद की
जो बनना था वो बन जाओगे
फिर कभी ये बात नहीं दोहराओगे
जंग का मैदान छोड़कर फिर कभी नहीं जाओगे
है और भी जो है तैयारी में
तुम क्यों हो परेशानी में
कुछ नहीं रखा इस नादानी में
अभ्यास ही है मूलमंत्र सफलता का
तो क्यों डराती है तुम्हे विफलता
इसे ये बोल दो
अबकी बार अपनी पूरी ताकत झोंक दो
दिखा दो हम है तैयार
अब नहीं होगी निराशा की तलवार
क्योंकि इस बार हम बन के आयेगे फौलाद
करने सफलता का स्वाद
जो बनना था वो बन जाओगे
फिर कभी ये बात नहीं दोहराओगे
आए है तो कुछ करके जाना है
ये ही अंदर आत्मविश्वास जगाना है
बस ज़िन्दगी थोड़ा और..
अब तो कुछ करके दिखाना है
मुझे कैसे भी इस लक्ष्य को पाना है
मैने हर बार बस ये ही ठाना है
बहुत खाया लोगों का ताना है
बस अब बहुत हुआ
अब ना कोई बाहना है
अब करके दिखाना है
जो बनना था वो बन जाओगे
फिर कभी ये बात नहीं दोहराओगे
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