सोच और शौच

सोच और शौच

नमस्कार दोस्तों।
दोस्तो आज मैं बेहद ही जरूरी विषय पर बात करने जा रहा हूं वो है सोच और शौच। दोस्तो सोच कब शौच बन जाती हैं,पता है आपको?
दोस्तो बेहद सरल है इसका जवाब। जब मनुष्य की सोच में हैवानियत जाग जाती है ना तो मानव दानव का रूप धारण कर लेता है।
और जब आपकी सोच अच्छी हो जाती है ना तब आप इंसान बनते है।एक व्यक्ति सोच के चलते ही जिंदगी में बनता और बिगड़ता है।

तो दोस्तो अपनी सोच ऐसी रखिए कि आप निखर जाय और ज़िंदगी में कुछ बन जाए।


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