स्वामी विवेकानंद जी |
स्वामी जी की बड़ी ही रोचक कहानी :
बात उस समय की है जब स्वामी विवेकानंद जी विदेश गए हुए थे। वह अपने तन पर मात्र भगवा और पगड़ी पहने हुए थे। उसके अलावा उनके पास कोई समान नहीं था।
विदेश में अचानक एक व्यक्ति ने स्वामी जी पर व्यंग्य करते हुए कहता है कि कुछ समान वमान नहीं लाए है क्या? कोई कोट, जूते, बैग कुछ नहीं है आपके पास। तब स्वामी जी उस व्यक्ति को बड़ा ही सुंदर जवाब देते हुए कहते हैं कि आपकी संस्कृति में दर्जी आपके व्यक्तित्व को बनाता है और आपको आपके कपड़ों से पहचाना जाता है जबकि हमारे देश में व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से नहीं अपितु उसके संस्कारो से और कर्मो से होती है।
तो दोस्तो आपने देखा कितना सुंदर जवाब दिया स्वामी जी ने। हम अपने कपड़े, दिखावे से श्रेष्ठ नहीं होते बल्कि हम श्रेष्ठ होते है अपने कर्मो से, अपने संस्कारों से। किसी भी व्यक्ति को अच्छे अच्छे कपडे पहना देने से वो महान या फिर विद्वान नहीं बन जाता। वो तो व्यक्ति को उसके कर्म श्रेष्ठ बनाते हैं।
स्वामी विवेकानंद जी |
हम देखते हैं जो व्यक्ति जितना सभ्य होता है वह सादगी में जीवन जीना पसंद करता है क्योंकि जब आप सादगी में रहते है तो मेरे विचार से आप अंहम के भाव से कोसो दूर रहते हैं।
स्वामी जी की और रोचक कहानियां देखें :-
https://www.motivationalwala.com/2020/07/blog-post.html
स्वामी जी के विचारों के लिए देखें :-
https://motivationalwala.blogspot.com/2020/06/Vivekanandthoughts.html
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