तेरी कहानी तेरी जुबानी

तेरी कहानी तेरी जुबानी

तेरी कहानी तेरी जुबानी


तेरी वाणी तेरी निशानी

तेरी कहानी तेरी जुबानी

जब थी वो नादानी

हर बच्चा करता था नानी नानी

लेकिन तेरी वाणी उस टाइम भी थी तेरी निशानी


पता नहीं मां ने क्या खाया था

जो ऐसे बच्चे को उसने बनाया था

उस बच्चे ने बचपन से ही

हर रूठे को मनाया था

लेकिन उसने कभी अपने लिए

जन्मदिन नहीं मनाया था

किया उसने भला हरदम दूसरो का ही

पता नहीं क्यों दुनिया उसको पूछती नहीं

क्या वाकई था वह अद्भुत

जिसके आगे सुस्त भी ही जाते थे चुस्त

थी क्या उमर उसकी

मात्र बारह बरश

परन्तु उसमें दिमाग था ढेर सारा

हर किसी का एक मात्र सहारा

तेरी वाणी तेरी निशानी

तेरी कहानी तेरी जुबानी



कुछ नया नहीं था उसमे

बस था थोड़ा सा जादू

वो भी किसका शायद गुरु किरपा का

वो था हिन्दू मुस्लिम सबका प्यारा

शिरडी आज दरबार है उसका न्यारा न्यारा

जिसमे आता है आज भी हर दिन दुखियारा

हिन्दू मुस्लिम का बैर था मिटाया

वह पवित्र आत्मा साई कहलाया

तेरी वाणी तेरी निशानी

तेरी कहानी तेरी जुबानी

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