National Girl Child Day

National Girl Child Day

 National Girl Child Day : बेटियों को ना समझो भार यें ही है, इस संसार का आधार




"24 जनवरी को नहीं प्रतिदिन हर मिनट मनाएंगे"


राष्ट्रीय बालिका दिवस National Girl Child Day भारत में प्रतिवर्ष 24 जनवरी को मनाया जाता है. सदियों से लड़कियों के साथ समाज में शोषण(Exploitation) होता रहा है. उनके महत्व को बढ़ावा देने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है. यह दिवस समाज में लड़कियों से जुड़े मुद्दे शिक्षा स्वास्थ्य(Health) और पोषण(Nutrition) जैसे विषयों पर विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए मनाया जाता है.

बेटी को मत समझो भार ये तो है इस जीवन का आधार. बेटियां इस संसार का सृजन करती है. बेटियां हैं तो हम हैं. बेटियों को सम्मान(Respect) दो. बेटियां ही समाज का आधार है और किसी भी देश की नींव मजबूत तभी होती है जब आधार solid हो.

जिस हिसाब से समाज में महिला यौन उत्पीड़न(Women Sexual Harassment) के cases में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है. हमें ऐसी क्रूर(Cruel) मानसिकता को रोकने की नितांत आवश्यकता है. दूसरी बात लैंगिक भेदभाव(Sexual Discrimination) वर्तमान समय में बढ़ता जा रहा है, जिसको यकीनन कम करना हमारा ध्येय होना चाहिए.

राष्ट्रीय बालिका दिवस लोगों को सही अर्थों में लड़कियों के अधिकारों(Women Rights) और समानता(Women Equality) को प्रदान करता है


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इस दिन को विशेष कैसे बनाए (How To Make Special National Girl Child Day)

नेशनल गर्ल चाइल्ड डे को स्पेशल बनाने के लिए आप Facebook, What's app पर status, wallpaper लगाकर upload कर सकते हैं. घर में आप इस दिन के महत्व को यादगार बनाने के लिए आप कुछ अपनी मम्मा और बहनों की जिम्मेदारी(Responsibility) को अपने हाथ में ले सकते हैं और उनका बोझ कम कर सकते हैं.


कुछ पंक्तियां जिन्हें आप status लगा सकते हैं :

  • बेटियों को ना समझो भार यही है इस संसार का आधार.
  • बेटियां हैं तो हम हैं करें उनका मान सम्मान
  • अगर देश को उन्नत बनाना है तो बेटियों को आगे तक पढ़ाना है.
  • देश से महिला दुष्कर्म को जड़ से मिटाना है बेटियों को इस कदर सशक्त बनाना है.


निष्कर्ष (Conclusion)


हम ज्यादातर देश में पुरुषों को ही ऐतिहासिक(Historical) नए-नए कारनामे करते हुए क्यों देखे? महिलाओं को भी हमें आगे बढ़ते हुए देखना है. झांसी की रानी, सावित्रीबाई फूले, सरोजनी नायडू, सुचेता कृपलानी, बचेंद्री पाल संधू किरण बेदी, जैसी विदुषी और वीरांगनाओं के जीवन से प्रेरणा लेकर हमें बालिकाओं के जीवन में एक नए प्रकाश के दीप को प्रज्वलित करना होगा।

कलाम सर के सन्देश पढ़े


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