अपनी अलग पहचान कैसे बनाए?

अपनी अलग पहचान कैसे बनाए?

 आज हम अपनी इस पोस्ट में short motivational story in hindi देखेंगे. 

हम जीवन में क्या खाने, पीने और कमाने तक ही सीमित है? अगर नहीं तो आप इस लघु कथा को जरूर पढ़िएगा. हम जीवन में अपनी एक अलग पहचान कैसे बना सकते हैं, उस पर एक काल्पनिक कथा हमने प्रस्तुत की हैं.


            अपनी अलग पहचान कैसे बनाए?


एक महान ख्याति प्राप्त पत्रकार थे मनोज कुमार कुशवाह. वह अपने सिद्धान्तों के बड़े अडिग और इरादों के बड़े ही पक्के व्यक्ति थे. वह जो करने की ठान लेते थे, उस काम को पूरा करने के लिए वह दृढ़ संकल्पित रहते थे. उन्होंने अपने इन ही सिद्धान्तों के कारण अपने जीवन में इतना यश कमाया था. हर पत्रकार के लिए वह एक आदर्श थे.

एक दिन एक व्यक्ति उनके पास आया, उसके जीवन में मात्र एक ही लक्ष्य था कि वह एक सफल पत्रकार बनेगा. उसने मनोज कुमार कुशवाह के बारे में बहुत कुछ सुना था. बड़ी मुश्किल से उसे उनसे मिलने को सौभाग्य प्राप्त हुआ था. उस व्यक्ति ने मनोज जी से बस एक सवाल पूछा कि मैं अपनी अलग पहचान कैसे बना सकता हूं?

कुछ समय मौन रहने के पश्चात् मनोज जी ने उसे दो लाइन लिखकर दी. जिसमे लिखा था "आप अपना समय दूसरों के लिए व्यर्थ मत कीजिए, अपनी पहचान बनाने के लिए अपने समय का सदुपयोग करो"

उस व्यक्ति ने मनोज जी का धन्यवाद करा और मनोज जी ने उस व्यक्ति को सफलता प्राप्ति के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं दी.

उक्त व्यक्ति 5 वर्ष के कठिन तप के पश्चात् पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना नाम दर्ज करवा पाया. वह एक सफल पत्रकार बना और उसने अपने जीवन को एक नया आयाम प्रदान किया. वह व्यक्ति यहीं नहीं रुका उसने मनोज बाबू के सिद्धान्तों का भी आगे प्रचार प्रसार किया, उसने समाज में व्याप्त असामाजिक तत्वों पर बारीकी से विश्लेषण करके उन समस्याओं का ठोस निवारण करने में भी मदद की.


सीख - "हमें समय का सदुपयोग करना चाहिए, समय की महत्ता हमें समझनी चाहिए. जो व्यक्ति जीवन में समय के हिसाब से नहीं चलता उसे बाद में फिर समय ही चलाता हैं"




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