संघर्ष का मैदान | Moral Story In Hindi

संघर्ष का मैदान | Moral Story In Hindi

हमारे जीवन में कहानियों का बहुत महत्व होता है, हम motivational stories से जीवन में तमाम बहुमूल्य सीखों को अपने जीवन में उतारकर जीवन को बढ़िया बना सकते हैं। आइए पढ़ते हैं ये बेहतरीन रोचक कहानी -




संघर्ष का मैदान
(Motivational Story In Hindi)


एक नगर में युवक को कई वर्षों की मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिल रही थी। इसी वजह से वो युवक बेहद ही निराश रहने लगा था। 


उस युवक के मानो पूरे दिलों दिमाग पर नकारात्मक विचारों ने अपना घर बना लिया था। वो अब इतना परेशान हो चुका था कि उसने आत्महत्या करने तक की ठान ली थी।


वो युवक आत्महत्या करने एक घने जंगल में जा ही रहा होता है कि तभी उसकी मुलाकात एक संत से होती है।


वो संत उस युवक से पूछते हैं "तुम इतने घने जंगल में क्या कर रहे हो? 


युवक बेहद निराश होकर कहता है "मैं अपने इस संघर्षमय जीवन से थक चुका हूं इसलिए मैं अब आत्महत्या करने जा रहा हूं। मुझे वर्षों तक मेहनत करने के बाद भी नौकरी नहीं मिली।"


संत ने कहा तुम्हें परेशान होने की कोई जरुरत नहीं है। तुम्हें नौकरी भी मिल जाएगी और तुम जल्द ही सफल भी हो जाओगे। तुम्हें इस जरा सी समस्या के लिए आत्महत्या करने की कोई जरुरत नहीं है बल्कि तुम्हें थोड़ी सी और मेहनत करने की जरुरत है।


युवक कहता है "मैं अब किसी भी योग्य नहीं हूं, मैं कुछ भी नहीं कर सकता।" संत उसके निराश और हताश मन को शांत करने के लिए एक कहानी सुनाते हैं, जो इस तरह हैं -


एक बार एक छोटे बच्चें ने नागफनी और बांस के दो पौधे लगाए। नागफनी के पौधे में तो जल्द ही पत्तियां आ गई लेकिन बांस के पौधे में अभी कुछ नहीं आया था। 


नागफनी का पौधा तो अब बड़ा होकर खिलखिला रहा था लेकिन बांस के पौधे में एक साल बीतने के बाद भी कोई बढ़ोतरी नज़र नहीं आ रही थी। 



बांस के पौधे के न बढ़ने के कारण उस बच्चे को निराशा हुई।


दो से तीन साल बीतने के बाद भी बांस के पौधे में कुछ नहीं हुआ, ये देखकर बच्चा अब और भी ज्यादा निराश हो गया।


लेकिन कुछ ही दो तीन दिन में उस बांस के पौधे में अंकुर फूटे और देखते ही देखते वो बांस का पौधा बहुत बड़ा हो गया, नागफनी का पौधा मानो उसके आगे एक छोटा सा बच्चा नज़र आ रहा था।


बांस के पेड़ को दो से तीन साल लग गए अपनी जड़ों को मज़बूत करने में, तब जाकर वो बांस का पेड़ इतना बड़ा बना।


संत ने अब उस युवक से कहा तुम्हें अभी इस बांस के पेड़ की तरह पहले अपनी जड़ों को मज़बूत करना होगा फिर देखो तुम्हें सफ़लता कैसे नहीं मिलेगी! संत ने कहा अभी तुम्हारे संघर्ष का समय चल रहा है, यानी ये टाइम तुम्हारा जड़ें मजबूत बनाने का है। इसलिए इससे डरकर मत भागो, इनका सामना करो।


सीख

(Moral Of The Story)


बड़े मुकामों को पाने का कोई शॉर्ट ट्रिक नहीं होता। हरेक मुकाम को पाने के लिए कड़े संघर्ष से गुजरना होता है। हमें मुसीबत से घबराना नहीं चाहिए बल्कि उसका डटकर सामना करना चाहिए।


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