प्रतिभा वर्मा आईएएस का सफर | IAS Struggle Story

प्रतिभा वर्मा आईएएस का सफर | IAS Struggle Story

प्रतिभा वर्मा आज के समय में उत्तर प्रदेश में एक जाना माना नाम है जिन्होंने आईएएस की नौकरी के लिए एक बड़ी कम्पनी की नौकरी को छोड़ दिया था। प्रतिभा वर्मा उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर की रहने वाली है। 

 


प्रतिभा वर्मा : आईएएस का सफर

(UPSC Struggle Story In Hindi)


2019 में प्रतिभा वर्मा ने अपनी कड़ी मेहनत और प्रयास से यूपीएससी के एग्जाम में पूरे भारत में तीसरी रैंक हासिल की थी और अपने आईएएस बनने के सपने को पूरा किया था। 

एक छोटे शहर की रहने वाली प्रतिभा वर्मा के लिए ये सफर बहुत आसान नहीं था।

उनकी तैयारी के दौरान ही एक के बाद एक बीमारी ने उनको बहुत ही परेशान किया था लेकिन उन्होंने अपनी सभी बीमारियों से लड़ते हुए आगे बढ़ना सीखा और अपना मुकाम हासिल किया। 

प्रतिभा वर्मा ने आईएएस बनने का सपना बचपन में ही देखा लिया था और इस सपने की देखते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और फिर सुल्तानपुर को छोड़ दिया और उसके बाद इंजीनयर की पढ़ाई को पूरा किया।   

वैसे तो प्रतिभा वर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा तो अपने शहर सुल्तानपुर से की थी। इन्होने 10 वीं की परीक्षा यूपी बोर्ड से की थी और इसके बाद अपनी 12 वीं की परीक्षा उन्होंने सीबीएसई बोर्ड से पास की।  

इसके बाद प्रतिभा वर्मा ने सुल्तानपुर को छोड़ दिया और दिल्ली में आकर रहने लगी और दिल्ली में रहकर आई आई टी से बीटेक किया।

बीटेक करने के बाद प्रतिभा वर्मा को एक बड़ी फोन कम्पनी में जॉब मिल गयी और एक अच्छी सैलरी के साथ प्रतिभा वर्मा ने उस कम्पनी में दो साल काम किया। 

कुछ साल बाद प्रतिभा को ये लगा कि वो ये नहीं करना चाहती थी।

उन्होंने अपने सपने की तरफ उड़ान भरने के लिए नौकरी को छोड़ दिया।

अपनी नौकरी को छोड़ने के बाद प्रतिभा वर्मा ने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने का निश्चय किया। 

प्रतिभा वर्मा ने साल 2016 में अपनी नौकरी छोड़ दी थी और फिर अपने घर से दूर रहकर उन्होंने  यूपीएससी के एग्जाम की तैयारी करने का फैसला किया। 

दिल्ली में रहकर यूपीएससी के लिए तैयारी शुरू कर दी। अपनी इस पढ़ाई के दौरान प्रतिभा वर्मा ने सबसे पहले पूरा सिलेबस समझा। 

प्रतिभा वर्मा ने उस सब्जेक्ट को चुना जिसमे उनकी स्ट्रेंथ अच्छी थी और वो विषय फिजिक्स था। इसको और मजबूत करने के लिए प्रतिभा ने तैयारी शुरू कर दी।

प्रतिभा वर्मा कड़ी मेहनत के बाद भी पहले प्रयास में सफल नहीं हो पायी थी और उन्होंने प्री भी क्लियर नहीं किया था।

लेकिन इसके बाद उन्होंने दूसरे प्रयास किया और इस प्रयास में उनकी 489 रैंक आई और उनका सेलेक्शन आईआरएस के लिए हुआ।  

प्रतिभा वर्मा का सपना आईएएस का था लेकिन फिर भी उन्होंने आईआरएस पद के लिए चयन के बाद आईआरएस अफसर के पद के लिए होने वाली ट्रेनिंग के लिए चली गईं।

इस ट्रेनिंग के साथ प्रतिभा वर्मा ने अपनी तैयारी भी जारी रखी। 

प्रतिभा वर्मा ने यह ठान रखा था की उनको  आईएएस बनना है और उन्होंने अपनी तैयारी जारी राखी। प्रतिभा वर्मा ने अपने काम के साथ इस तैयारी को करती रहीं।  

उनके प्रयास ने इस बार उनका सपना साकार कर दिया और साल 2019 में प्रतिभा वर्मा ने यूपीएससी के लिए एग्जाम दिया और इस परीक्षा में तीसरी रैंक हासिल करके आईएएस अफसर बन गयी। 

प्रतिभा वर्मा को साल 2018 में डेंगू हुआ था, डेंगू से ठीक होने बाद ठीक अगले साल 2019 में उन्हें टायफाइड हो गया और 2020 में डायरिया।

लगातार बीमारियों से लड़ते हुए उनको बहुत कमजोरी हो गयी। इस कारण उन्हें इस वजह से उन्हें काफी परेशानी रही।  

इस तरह उनकी लगातार बीमारी के कारण उनकी पढ़ाई पर असर पड़ा।

प्रतिभा वर्मा ने सभी तरह की परेशानी से हार नहीं मानी और दो महीने तक उन्होंने पावर योगा और मेडिटेशन किया। 

कोरोना के कारण इंटरव्यू स्थगित हो गया और उन्हें पढ़ने का मौका मिल गया। इस दौरान प्रतिभा वर्मा ने अपने सपने को पूरा कर लिया। 

प्रतिभा वर्मा अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता को देती है, जिन्होंने उसे विषम से विषम परिस्थितियों में भी पढ़ने के लिए मोटिवेट किया।


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