हम आखिर क्यों रुके | Motivational Vichar In Hindi

हम आखिर क्यों रुके | Motivational Vichar In Hindi

जब जब जिंदगी में ठहराव आता है तो एक संकट जीवन में मंडराता है और फिर दुबारा जरूरत पड़ती है जीवन को पुनः चलाने की ताकि ठहराव खत्म हो सके। आइए पढ़ते हैं ऐसे ही तरोताजा विचार जो हमें पॉजिटिव शक्ति से भर देंगे 


हम आखिर क्यों रुके
(Motivational Vichar In Hindi)


रुकना किस लिए और काय को?? जिंदगी चलते रहने का नाम है रुकने का नहीं…


वीर तुम बढ़े चलो धीर तुम बढ़े चलो


रुको तो थोड़ा अपनी डगर को नाप लेना कि हमारे मार्ग में कुछ कांटे तो नहीं आ रहे। अगर दिखे तो हटा लेना चाहिए।


अहंकार से खुद को बचाकर रखिए संयम से काम लेना चाहिए


अक्सर मैंने बड़े बड़े लोगों के अहंकार में चूर चूर होते देखा है।


दौलत का घमंड हो या नशे की लत हो दोनों ही सेहत के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। इनके तो taste मात्र से भी दूर रहना चाहिए


वो कहते है न भूलकर भी भूल न हो तो वो बचपन की प्रार्थना की बात शत प्रतिशत आज सत्य प्रतीत लगती है।


जरा जरा सी बात भी बड़ी बन जाती है जब रिश्तों में गांठ पड़ जाती है। ज्यादा उलझना ही स्वयं में एक भूल है


शांत, एकाग्रचित होना असाधारण, प्रतिभाशाली और मेहनतकश लोगों की पहचान होती हैं। 


जब हम कोशिश करना शुरू कर देते है तो हम लाखों में एक बन जाते है और साधारण से भी असाधारण बन जाते हैं


जो अपनी वैल्यू की वैल्यू नहीं करता फिर दुनिया से उसे वैल्यू कैसे मिल सकती है।


अपना आत्मविश्वास ऐसा बनाओ कि सुल्तान की तरह दुनिया में खलबली मच जाए और तुम्हारी मेहनत की बदौलत सफलता के अनगिनत पुल बंध जाएं

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