वीर हो तुम डरना कैसा | Motivational Vichar In Hindi

वीर हो तुम डरना कैसा | Motivational Vichar In Hindi

धन्य है वो जीवन जो काम किसी के आ रहा। जीवन में डरना कैसा जब तुमने गलत कुछ किया ही नहीं तो बिल्कुल भी नहीं डरना चाहिए। वीर बनिए अपराजिता अपने भीतर है और कहीं क्या ढूंढना। आइए पढ़ते हैं Motivational Vichar Hindi Mein 


वीर हो तुम डरना कैसा
(Motivational Vichar In Hindi)


वीर अर्जुन से तुम बढ़े चलो, रुको नहीं झुको नहीं। 


चलते का नाम जिंदगी हैं। जिंदगी ठहरने मत दो। जीवन में सदैव आगे बढ़ते रहना चाहिए


झुकना विनम्रता की निशानी होती है। गुरू और माता पिता जिसने तुम्हें कुछ भी अच्छा सिखाया उसके नत मस्तक होना चाहिए।


एक चीटी भी हमें बहुत कुछ सीखाती है इसलिए कभी अपने सीखे पर घमंड मत करिए


अगर सीखाना चाहते हो तो सीखने की भावना भी रखिए।


जीवन में फुल मौज होगी अगर थोड़ी मेहनत से दो तीन वर्ष अपने करियर को बनाने में गुजार लोगे


अक्सर हम जब सफलता के पास पहुंचने ही वाले ही होते हैं तब ही हम हार मानके सफलता की तैयारी करना छोड़ देते हैं।


लगातार जो चलता है वो ही सफलता प्राप्त करता है


सफलता पाने के लिए निरंतर अभ्यास करना बहुत जरूरी है।


हार जीत से डरो नहीं। बड़ी मुसीबत आए तो घबराओ नहीं और ज्यादा सुख होवे तो इतराओ नहीं


गुणगान करना छोड़ दो कि मैंने ये कर दिया मैंने वो कर दिया। बस करके दिखाओ और दुनिया को तुम्हारा गुणगान करने दो।


जीवन को ठहरे हुए पानी की तरह मत बनाओ जीवन बहते पानी की तरह होना चाहिए


ज्यादा चिंता करना छोड़ दो, चिंतन करो चिंतन।


सागर मंथन करने के लिए भी चिंतन किया गया था और आखिर में उस चिंतन के कारण ही अच्छाई की जीत हुई थी


बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत हुई है और आगे भी होती रहेगी इसलिए अच्छाई का दामन थामे रखो।


तुम जीतोगे भी और जय जयकार भी तुम्हारी ही होगी। तुम हुंकार तो भरो यारो


तुम में हरेक वो क्वालिटी हैं जो एक सफल इंसान में होती है थोड़ा अपने भीतर झांक के तो देखिए यारो।


सफलता मिलेगी ही मिलेगी। सफलता की ट्रॉफी पर तुम्हारा ही नाम होगा अगर मेहनत, लगन और इच्छाशक्ति के साथ तुम्हारा जुड़ाव होगा


सफलता दो से तीन दिन में नहीं मिलती इसके लिए समय, मेहनत, जुनून, संकल्प, निरंतरता, अभ्यास, कोशिश और इच्छशक्ति लगती है


लग जाओ तैयारी में सफलता तुम्हें ही मिलेगी


कुछ नहीं रखा परेशानी में, बेवजह परेशान होने से अच्छा है तैयारी में जो कमी है उस पर ध्यान लगाया जाए।


जीत तुम्हारी ही होगी जब तुम्हारी कोशिश साधारण से असाधारण होगी


भीड़ से हटकर चलने के लिए सामान्य लोगों से बस थोड़ी सी ज्यादा मेहनत करनी होती है जो कि आप कर सकते हो।


ये दुनिया करने वालो की है उनकी नहीं जो बस बोलते बोलते हैं और करते कुछ नहीं


बोलकर नहीं करके खुद को prove करो। 


दुनिया तुम्हारी सफलता पर तालियां बजाने को मजबूर हो जाए ऐसा तुम्हें बनना है


लक्ष्य को अपनी रगो में ऐसे बसा लो कि जैसे वो तुम्हारे बॉडी का पार्ट हो।


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