दिखावटीपन से बचे | Short Story In Hindi

दिखावटीपन से बचे | Short Story In Hindi

प्रेरक कहानी बहुत कुछ बयां करती है। हमें इनके संदेश को अपने जीवन में जरुर उतारना चाहिए। आइए पढ़ते हैं एक बेहतरीन Moral Story In Hindi 


दिखावटीपन से बचे

 (Moral Story In Hindi)


यह बात आज से कुछ साल पुरानी है। एक व्यक्ति था जो कि बहुत ही ज्यादा घमंडी था।


एक दिन उसकी नौकरी बड़ी पोस्ट पर लग गई और वह अपने आपको बहुत बड़ा समझने लगा।


जैसे ही उसकी नौकरी बड़ी पोस्ट पर लगी वह छोटे लोगों से या फिर अपने से छोटे से बात करना बंद कर दिया...


और अगर उससे कोई बात करने की कोशिश भी करता तो वह उसे तुरंत डांटकर शांत करा देता और किसी से भी वह बात नहीं करता।


अपने ऑफिस में भी वह अपने से जूनियर की बात नहीं सुनता था और हमेशा अपनी मनमानी करता रहता।


उसे ऐसा लगता था कि अब उससे बड़ा इस दुनिया में कोई नहीं है।


कई बार वह अपने आपको ऐसा दिखाता कि वह बहुत ज्यादा बिजी है।


कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो वह भले ही एक बड़ी पोस्ट पर नौकरी प्राप्त करने में सफलता प्राप्त कर लिया हो लेकिन उस पद के अनुसार वह अपने आपको ढाल नहीं पाया था। 


एक दिन वह अपने ऑफिस में बैठकर कुछ काम कर रहा था तभी अचानक उसके दरवाजे पर किसी के आने की आहट उसे सुनाई दी।


उस आहट से उसे पता चल गया कि कोई उसके ऑफिस के कमरे में आ रहा है और वह दिखावा करने के लिए कि वह ज्यादा बिजी है तुरंत फोन पर बात करने लगा।


जैसे ही उस आदमी ने दरवाजा खटखटाया तो फोन पर बात करते ही उसने अंदर आने का इशारा दे दिया।


वह व्यक्ति आया और उसकी टेबल के सामने खड़ा हो गया।


लेकिन उसने फोन नहीं रखा और फोन पर बातें करता रहा कि मुझे वह काम जल्दी करना है...


तुम्हें जितना पैसा लेना है तुम ले लो लेकिन मेरा काम जल्दी कर दो....


ये बहुत अर्जेंट काम है...


करीब आधे घंटे के बाद उसने टेलीफोन रखा...


और सामने खड़े बंदे से पूछा....


हां जी!! आप यहां आने का कारण बताइए?


आप यहां क्यों आए हैं?


वह आदमी पहले तो थोड़ी देर शांत रहा लेकिन थोड़ी देर शांत रहने के बाद उसे बड़े ही विनम्र भाव से कहा कि हुजूर हमें खबर मिली है कि आपकी टेबल पर रखा टेलीफोन खराब है....


और मैं एक टेलीफोन मैकेनिक हूं इसलिए मैं यह टेलीफोन सही करने के लिए आया हूं।


उसके बाद वह व्यक्ति जो टेलीफोन पर बड़ी-बड़ी बातें कर रहा था वह समझ गया कि मैंने जो भी कुछ किया वह सामने वाले ने समझ लिया है।


वह कुछ देर के बाद बोला कि हां भाई लो यह टेलीफोन ठीक कर लो। 


शिक्षा 

(Moral Of The Story)


इस कहानी से हमें यही शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी दिखावटीपन नहीं करना चाहिए और कभी भी दिखावे के लिए कुछ नहीं करना चाहिए क्योंकि अगर हम दिखाने के लिए कुछ करते हैं तो लोग पीठ पीछे हमारी ही बुराई करते हैं और हमारा ही मजाक उड़ाते हैं। हमारे पास जो है वह लोगों को अपने आप दिख जाएगा और जो नहीं है वह हम कितना भी दिखाएंगे तो लोग उसे नहीं देखेंगे। इसलिए हमें दिखावा करने की कोई जरूरत नहीं है हमें खुद को शांत और सहज रखना चाहिए। 


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