फल की इच्छा क्यों करनी चाहिए | Motivational Article In Hindi

फल की इच्छा क्यों करनी चाहिए | Motivational Article In Hindi

उत्थानं संयमो दाक्ष्यमप्रमादो धृति: स्मृति:। 

समीक्ष्य च समारम्भो विद्धि मूलं भवस्य तु।। 


अक्सर सफलता पाने की जल्दबाजी या बेचैनी में कई लोग आसान और छोटे रास्ते चुन लेते हैं


 फल की इच्छा क्यों करनी चाहिए


(Motivational Article Hindi Mein)


इस संसार में कर्म ही सबसे बड़े है और कर्म ही हमें सही रास्ते पर लाते हैं। कर्म से बड़ा न कोई। अच्छे कर्म के अच्छे फल मिलने तय है। आज नहीं तो कल आपको आपके अच्छे कर्मों के परिणाम मिलने निश्चित है।


इसलिए, दोस्तों अपने कर्मों में भरोसा रखिए अगर आपके कर्म अच्छे होंगे और आप मेहनती होंगे तो आपको इस दुनिया में आगे बढ़ने से कोई शक्ति नहीं रोक सकती।


बस आपको सही मार्गदर्शन यानी गाइडेंस की ज़रूरत है। आप मान लो क्रिकेटर बनना चाहते हैं तो आपको एक अच्छे कोच और एक अच्छी अकेडमी की जरुरत होगी और साथ में ऐसा फ्रेंड सर्कल जो आपको आगे बढ़ने में मदद करता हो, तो आप निश्चित ही क्रिकेटर बन जाएंगे।


दोस्तों ऐसा ही हर क्षेत्र में होता है। जब आप कोशिश करते जाते हैं यानि सफ़लता के रास्ते पर चलना शुरू करते जाते हैं तो रास्ते भी स्वयं बनने शुरू हो जाते हैं। आप किसी दिन इस चीज को अनुभव भी करके देख लेना आपको मेरी बात की सच्चाई सीधे तौर पर फील भी हो जाएगी…


दोस्तों महाभारत में भी श्री कृष्ण जी ने अर्जुन को कर्म करने का ही संदेश दिया था…


जब हम फल यानी रिज़ल्ट के लालच वश काम करते हैं तो उस काम में पूर्णतः (competence) नहीं आ पाती इसलिए निस्वार्थ परिश्रम करिए तो आप यकीनन सफल ही नहीं मास्टरी कर जाओगे भाऊ।


कोई तो बस सीखने के लिए सीखता है और कोई उसमें मास्टरी ही कर लेता है। अब वो कहते हैं ना कोई काम करो तो पूरे मन से करो और उसमें डूब जाओ ….लेकिन अगर नहीं करना तो फिर फायदा ही क्या बोलने का।


देखो दोस्तों 24 घंटे ही सबके पास होते हैं। सब इसी समय के दरमियान अपने कर्मों को एक आकार देते हैं और आपको भी इसी समय में अपने को इतना झकझोर देना है कि सफ़लता भी बोले ले जा भाई मुझे ले जा…. सफ़लता कहने लगे न कि मैं तो आपके लिए ही बनी हूं तो समझ लेना कि आप साधारण से अब असाधारण बन चुके हैं।


यहां हमने सफ़लता के बोलने से मतलब मन की आवाज से है। अब देख लो दोस्तों! समय आ गया है सफ़लता के शोर को मचाने का। सफ़लता का इतना शोर मचाओ कि पड़ोस के शर्मा जी भी बोले ये निकम्मा बालक पुलिस में कैसा भर्ती हो गया। 


अपनी सफलता से सबको हैरान कर दो। ध्यान रखिएगा दोस्तों लोगों का काम तो कहना है कहने दो और तुम अपने कर्म किए जाओ और आगे बढ़कर नए नए अचीवमेंट पाते जाओ।


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1 Comments

  1. inspiring...
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