धीरूभाई अंबानी का आम आदमी से महान बिजनेसमैन बनने का सफर, हमारे देश भारत के सफल उद्योगपति में से एक हैं धीरूभाई अंबानी।
धीरूभाई अंबानी|Dhirubhai Ambani Struggle Story In Hindi ( 1932–2002 )
इन्होंने सफल बनने की यात्रा 16 साल की उम्र से शुरु कर दी थी। वह काम की खोज में यमन चले गए, जहां उन्होंने गैस स्टेशन सेवक के रूप में एवं तेल की कंपनी में क्लर्क(लिपिकार) के रूप में काम किया।
धीरूभाई अंबानी जब यमन से लौटे उसके बाद उन्होंने खुद की सोच-समझ, इच्छाशक्ति और व्यापारिक समझ के चलते एक कंपनी स्थापित की जिसमें कपड़े का व्यापार किया।
कहा जाता है कि जब भी कोई नया काम करें तो उतार चढ़ाव तो आते ही है। उन्होंने भी अपने जीवन में काफी असफलताओं का सामना किया लेकिन एक समय ऐसा भी आया जिससे उनके जीवन में सब कुछ बदल गया...
1976 – 77 तक रिलायंस का साल भर का कारोबार 70 करोड़ रुपए का था यह तो सिर्फ शुरुआत थी। इसके कुछ ही दिनों बाद पहली भारतीय कंपनी रिलायंस फॉर्ब्स 500 की सूची में शामिल होने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई।
उन्हें सन 2000 में द टाईम्स ऑफ इंडिया की तरफ से धन का सबसे बड़ा निर्माता के रूप में भी वोट दिया गया था।
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