पंडित रविशंकर जी एक विख्यात सितार वादक थे और भारत के अत्यंत सम्मानित शास्त्रीय संगीतकार भी।
पंडित रविशंकर
(Biography Of Pandit Ravishankar In Hindi)
प्रारंभिक वर्षों में रविशंकर उदयशंकर समूह के साथ जुड़ गए और 1930 में पेरिस गए…
अगले तीन सालों तक नृत्य नाटिकाओं में छोटी-मोटी भूमिकाएं निभाने के लिए स्टेज पर आए।
1938 में रविशंकर ने अपना डांस करियर छोड़ दिया और भारतीय शास्त्रीय संगीत के मैहर घराने के अलाउद्दीन खां से एक सितार सीखना शुरू किया।
इसके बाद वह इप्टा में शामिल हो गए और कई नाटकों के लिए संगीत रचना की।
1949 में ऑल इंडिया रेडियो पर वाद्य वृंद के प्रभारी बन गए।
1954 में रवि शंकर ने पहली बार भारत के बाहर रूस में प्रस्तुति दी। उन्होंने कई प्रमुख कार्यक्रमों, जैसे ईडनबर्ग समारोह और अनेक महत्वपूर्ण स्थलों, जैसे रॉयल फेस्टिवल हाल में भी प्रदर्शन किया।
1960 में रविशंकर ने अमेरिका के एक प्रसिद्ध म्यूजिक बैंड बीटल्स के जॉर्ज हैरिसन के साथ फ्यूजन किया और भारतीय शास्त्रीय संगीत को पश्चिम में प्रसिद्ध कराने में सहायता की।
पंडित रविशंकर को कई सम्मान और पुरस्कार मिले। इनमें पद्म विभूषण, मैग्सेसे अवार्ड, ग्रैमी पुरस्कार, फुकयुका ग्रांड प्राइज (जापान) और क्रिस्टल अवॉर्ड (दाओस) प्रमुख हैं।
1999 में पंडित रविशंकर को भारत के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
पंडित रविशंकर वर्ष 1986 से 1992 दरमियान राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी रहे।
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