लुई पाश्चर संसार के सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक थे। उन्होंने कई बीमारियों जैसे रैबीज, हाइड्रोफोबिया और चेचक का उपचार खोजा। इन्हीं बीमारियों के रोगाणुओं के टीके द्वारा। और, दुग्ध उत्पादों को रोगाणु से मुक्त रखने की पद्धति भी खोजी
लुई पाश्चर : एक महान वैज्ञानिक
(Louis Pasteur Biography In Hindi)
लुई पाश्चर का जन्म 1822 में फ्रांस में हुआ था। 16 साल की उम्र में ही उन्होंने निर्णय लिया कि कोई महान कार्य उनकी प्रतीक्षा कर रहा है।
स्कूली पढ़ाई खत्म करने के बाद, उन्होंने रॉयल कॉलेज आफ बेसैनकॉन में दाखिला ले लिया और वहां से बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त की।
लुई पाश्चर ने आगे रसायन शास्त्र की पढ़ाई की और फिर स्ट्रॉसबर्ग में रसायन शास्त्र पढ़ाने लगे। वहां उन्होंने रैसेमिक एसिड की प्रकाश संबंधी विशेषताएं पता लगाने के लिए अध्ययन और प्रयोग किया।
इसी दौरान, उनकी रसायन शास्त्र के प्रख्यात प्रोफेसर जे बी बायट से मित्रता हो गई। इसने उन्हें फ्रांस का महान वैज्ञानिक बना दिया।
उन्होंने एंथ्रेक्स के कारण पता किए और टीके की प्रक्रिया खोज निकाली। इसी ने आगे चलकर पाश्चर इंस्टीट्यूट की आधारशिला रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन सब सम्मानों के बावजूद, जिनकी बरसात पॉश्चर पर हुई, वह हृदय से बहुत सादे बने रहे। उन्होंने अपने ही तरीके से मानवता की पीड़ाओं को कम करने के प्रयासों में अपना जीवन जिया।
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