वह 5 साल की थी तब उन्होंने संगीत नाटकों में एक कलाकार के रूप में कार्य करना शुरू कर दिया था और अपने पिता से संगीत की शिक्षा लेती रही। लता ने अपना पहला सिनेमाई गीत मराठी फिल्म किति हसल 1942 में गाया था
लता मंगेशकर : स्वर कोकिला
(Lata Mangeshkar Biography In Hindi)
लता का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। वह शास्त्रीय गायक और रंगमंच कलाकार दीनानाथ मंगेशकर की पहली संतान थी।
1942 में पिता की अकस्मात मृत्यु और खराब आर्थिक स्थिति के कारण उन्होंने हिंदी और मराठी फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं करना शुरू कर दिया था।
1945 में वह गुलाम हैदर के जरिए फिल्म निर्माता एस मुखर्जी से मिली। एस मुखर्जी को उनकी आवाज पसंद नहीं आई।
गुलाम हैदर ने उनसे वायदा करा कि वह बॉलीवुड में उनके गायन को स्थापित करने में सहायता करेंगे।
लता को सबसे बड़ा अवसर तब मिला, जब उन्हें फिल्म महल का गीत 'आएगा आने वाला आएगा' गाने का अवसर मिला। गाना सुपरहिट रहा।
1950 के दशक ने उन्हें तेजी से ऊपर चढ़ते देखा। वह शीर्ष पर पहुंच गई।
उस दौर के सभी प्रसिद्ध संगीतकारों शंकर-जयकिशन, नौशाद, एसडी बर्मन, सलिल चौधरी और हेमंत कुमार के लिए गीत गाए।
1960 के दशक ने उन्हें पार्श्व गायन की मल्लिका बना दिया।
70 के दशक में लता मंगेशकर ने पाकीज़ा फिल्म में मीना कुमारी के लिए गीत गाए, जिसने उनकी प्रसिद्धि को चरम पर पहुंचा दिया।
इसी दशक में उन्होंने एस डी बर्मन द्वारा संगीतबद्ध प्रेम पुजारी, शर्मीली और अभियान में कई लोकप्रिय गीत गाए।
1990 में लता ने अपना प्रोडक्शन हाउस खोला। उनकी पहली और आखिरी फिल्म फ्लॉप रही। लता ने गैर फिल्मी गीत भी गाए, जिनमें जगजीत सिंह के साथ गजलें भी हैं।
यश चोपड़ा की भी लगभग सभी फिल्मों में गीत गाए, जिनमें लम्हे, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, डर, यह दिल्लगी और दिल तो पागल है शामिल है।
उन्होंने प्रसिद्ध संगीतकारों सलिल चौधरी और हेमंत कुमार के संगीत निर्देशन में कुछ बंगाली गीत भी गाए थे।
उन्हें 2001 में भारत के सर्वोच्च अलंकरण 'भारत रत्न' से नवाजा गया। इसके अतिरिक्त अनेक पुरस्कार और सम्मान भी उन्हें मिले।
उन्हें बड़ी श्रद्धा के साथ 'स्वर साम्राज्ञी' कहा जाता है और उन्हें स्वर कोकिला' भी बोला जाता है।
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