जनरल बिपिन रावत भारतीय सेना के 4 स्टार जनरल है और भारतीय सेना के पहले चीफ ऑफ डिफेंस थे। भारत के एक अनुभवी और प्रतिष्ठित सेनानी थे
जनरल बिपिन रावत का जीवन परिचय| Biography Of General Bipin Rawat
इनका पूरा नाम बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत था। हाल ही में तमिलनाडु में एक हेलीकॉप्टर हादसे में इनकी 14 अन्य जवानों के साथ मृत्यु हो गई।
बिपिन रावत जी पहले चीफ ऑफ डिफेंस यानि CDS थे। इन्हें 30 दिसंबर 2019 को भारत का पहला चीफ ऑफ डिफेंस बनाया गया था।
भारतीय सेना में CDS की पदवी सबसे ऊंची पदवी मानी जाती है।
जनरल बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत इस पद पर 1 जनवरी 2020 से कार्यभार संभाल रहे थे।
और; 8 दिसंबर 2021 को अपने अन्य साथियों के साथ तमिलनाडु में एक हेलीकॉप्टर क्रैश के दौरान अपनी जान गवा बैठे। इस दौरान उनकी पत्नी की भी जान चली गई।
बता दें कि बिपिन रावत जी की पैदाइश 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी में गढ़वाली राजपूत परिवार में हुआ था।
बिपिन रावत ने IMA और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ से अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके साथ ही उन्होंने चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से military media studies से PhD की डिग्री भी हासिल की।
बिपिन रावत मिलिट्री में योगदान
बिपिन रावत भारतीय सेना के एक दिग्गज अफसरों में गिने जाते थे। इन्होंने 1978 में आर्मी जॉइन की।
जहां इनकी काबिलियत को देखते हुए, इन्हें गोरखा राइफल में पांचवी बटालियन का हिस्सा बनाया गया।
अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 1979 में इन्हे इनकी पहली पोस्टिंग के रूप में मिजोरम भेजा गया। जहां एक मिशन को इन्होंने लीड भी किया।
👉प्रवीण तांबे जीवनी | Biography Of Praveen Tambeइसके अलावा बिपिन सिंह रावत को अन्य मिशन में भी सफलताएं मिली।
अंततः इनकी काबिलियत और सूझबूझ को देखते हुए इन्हें चीफ ऑफ डिफेंस की उपाधि दी गई।
वह भारतीय सेना के पहले चीफ ऑफ डिफेंस बने और बहुत सारे मिशन में अपने सूझबूझ को दिखाते हुए भारतीय सेना का काम आसान कर दिया।
कैसे हुई जनरल बिपिन रावत की मृत्यु
भारतीय वायु सेना ने 8 दिसंबर 2021 को इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि IAF की Mi–17V5 तमिलनाडु के कुन्नूर नाम के इलाके में खराब मौसम की चपेट में आने की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
इस दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत अपनी पत्नी और 14 अन्य लोगों के साथ शहीद हो गए।
कथित तौर पर मीडिया ने बताया कि बिपिन रावत जो कि भारतीय थल सेना के सीडीएस और रक्षा सलाहकार थे, वे 14 लोगों के साथ वेलिंगटन स्थित सैन्य अस्पताल में जा रहे थे।
इस दौरान तमिलनाडु में अधिक कोहरा होने की वजह से दृश्यता कम हो गई थी जिस वजह से कुछ भी ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था।
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और; खराब मौसम की वजह से हवाई जहाज काफी नीचे उड़ान भर रहा था, जहां घने जंगल में वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
इस दुर्घटना के बाद सभी जवानों को भारतीय सैन्य अस्पताल वेलिंगटन में एडमिट किया गया।
उसके बाद जहाज के ब्लैक बॉक्स को लेकर काफी गहन रिसर्च किया गया जिसमें लोगों ने पाया कि मौसम की वजह से हवाई जहाज दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।
यह सब इतना अचानक हुआ कि हेलीकॉप्टर में बैठे किसी भी अधिकारी को आगे क्या करना चाहिए, यह सोचने का समय नहीं मिला।
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