भीड़ वाला घर || Hindi Moral Story

भीड़ वाला घर || Hindi Moral Story

समस्या आना तो जिंदगी में part of life है और उससे निपटना art of life है आइए पढ़ते हैं ये बेहतरीन रोचक moral story in hindi 



भीड़ वाला घर

(Moral Story In Hindi)


एक गांव में नसरुद्दीन नाम के एक व्यक्ति रहते थे, नसरुद्दीन अपने गांव में बड़ी बड़ी समस्याओ को झट से solve कर देते थे....


इसलिए दूर-दूर से लोग नसरुद्दीन से सलाह लेने आते थे और अपनी परेशानियों का समाधान पाते थे....


एक दिन उस गांव का एक व्यक्ति नसरुद्दीन के पास आया और अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि उसका घर काफी छोटा है जिस वजह से वह अपने घर में अच्छे से नहीं रह पा रहा है...


और उसके पास इतना अधिक पैसा नहीं है कि वह एक नया घर खरीद सकें.. तो उसे क्या करना चाहिए?


नसरुद्दीन उसकी बात सुनकर ज़रा सा मुस्कुराया और कहा कि क्या तुम्हारे पास मुर्गियां है?


शुरू में उस व्यक्ति को बड़ा आश्चर्य हुआ मगर फिर उसने कहा कि हां! उसके पास कुछ मुर्गियां हैं....


नसरुद्दीन ने उस व्यक्ति को सलाह दी कि घर जाकर अपने घर में उन मुर्गियों को छोड़ दे....


सलाह बड़ी अजीब सी थी मगर उस व्यक्ति ने सलाह का पालन किया और घर जाकर अपने घर में मुर्गियों को छोड़ दिया.....


2 दिन बीतने के बाद वह व्यक्ति फिर नसरुद्दीन के पास आया...


और आकर कहा कि भाई साहब आपने कैसी सलाह दे दी.. मेरे घर में पहले ही बिल्कुल भी जगह नहीं थी....


और अब मुर्गियों के आने की वजह से और अधिक समस्या बढ़ गई है....


नसरुद्दीन ने कुछ देर सोचा और कहा कि क्या तुम्हारे घर में बकरियां है??


उस व्यक्ति ने कहा हां! है....


नसरुद्दीन ने सलाह दी कि वह अपने घर में बकरियों को भी छोड़ दे और उनके साथ रहे....


व्यक्ति ने अपने घर जाकर कुछ बकरियों को भी छोड़ दिया....


इसके बाद घर में रहना और मुश्किल हो गया....


तो 2 दिन बाद वह फिर नसरुद्दीन के पास आया और आकर कहा कि वह अपने घर में अब नहीं रह पा रहा है....


मैं मुर्गियों और बकरियों की वजह से काफी परेशान हो चुका हूं....


नसरुद्दीन ने कहा कि क्या तुम्हारे पास गधा है?


अब उस व्यक्ति को गुस्सा आ गया और उसने गुस्से में कहा कि क्या मैं अब घर जाकर गधे को भी अपने घर में रख लूं....


नसरुद्दीन मुस्कुराया और कहा कि हां! बिल्कुल तुम ऐसा ही करो.... 


वह व्यक्ति नसरुद्दीन को पागल बोलकर चला गया....


मगर घर जाते वक्त रास्ते में उसने सोचा कि एक बार इसकी बात मानकर देख लेता हूं....


शायद कुछ अच्छा ही हो जाए....


इस वजह से वह घर जाकर गधे को भी अपने घर में रख लेता है....


अब घर में वह अपने बीवी और बच्चों के अलावा मुर्गी, बकरी और गधे को भी रख रहा था....


घर में पैर रखने तक की जगह नहीं बची थी और घर के सभी लोग बहुत परेशान हो गए थे....


व्यक्ति नसरुद्दीन के पास वापस आया और कहा कि तुम्हारी बेढंगी सलाह की वजह से मैं काफी परेशान हो गया हूं.....


मुझे ऐसा लगता है कि तुम्हारे पास आना ही नहीं चाहिए था और वह जोर-जोर से रोने लगता है....


नसरुद्दीन उसके पास आया और आकर कहा कि अब घर जाओ और जाकर सभी जानवरों को घर से बाहर निकाल दो....


वह व्यक्ति दौड़ता हुआ अपने घर गया और उसने सभी जानवरों को घर से बाहर भगा दिया....


तीन-चार दिन बीतने के बाद वह व्यक्ति नसरुद्दीन के पास आया...


और, उसका पैर छूते हुए कहा कि भाई साहब आप कमाल के इंसान हैं....


मेरा वही घर जो मेरे परिवार को बिल्कुल भी पसंद नहीं आता था....


अब वह घर मेरे परिवार को बहुत पसंद आने लगा है और हम सब उस घर में बड़ी खुशी से रह रहे हैं.... 


सीख

(Moral Of The Story)


इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि मजबूरी की हालत में इंसान को और की इच्छा करना मूर्खता है। हमें हालात को ध्यान में रखकर कम में ही खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए।



Related To Post :


हार के आगे जीत है


फांसी की सजा

Post a Comment

0 Comments