मुसीबत में दोस्त की परीक्षा || Panchtantra Story In Hindi

मुसीबत में दोस्त की परीक्षा || Panchtantra Story In Hindi

पंचतंत्र की कहानियां हमें एक से एक बेहतरीन शिक्षा देती हैं। panchtantra kahani से हमें जीवन मूल्य रूपी अनमोल सीख मिलती है। आइए पढ़ते हैं ये बेहतरीन hindi panchtantra kahani




मुसीबत में दोस्त की परीक्षा
(Panchtantra Story)


रामपुर गांव में दो दोस्त थे जिनकी दोस्ती के चर्चे पूरे गांव में थे। एक दिन उन दोनो ने मिलकर एक दूसरे से यह वादा किया कि दोनो हमेशा एक दूसरे की सहायता करेंगे।


एक दिन उन दोनों के मन में घूमने का विचार आया और दोनों अगले दिन घूमने के लिए निकले और चलते चलते उन्हें एक घना जंगल दिखाई दिया। जब वे दोनो जंगल में पहुंचे तो….


उन्हें सामने से एक जानवर दिखाई दिया जो कि काफी तेजी में उनकी तरफ आ रहा था।


जब जानवर हल्का करीब आ गया तो उन्हें वह साफ दिखाई दिया कि उनकी तरफ एक भालू तेजी में आ रहा है….


जब दोनो दोस्तों ने उस भालू को अपनी तरफ तेजी में आते हुए देखा तो उन दोनो में से एक अपने दोस्त को नीचे छोड़कर बड़ी ही तेजी में पेड़ पर चढ़ गया। दूसरे दोस्त को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था वह नीचे ही रह गया….


तभी जो नीचे रह गया था उसे भालू से बचने की एक तरकीब सूझी। वह अपनी ही जगह पर सांस रोककर जमीन पर लेट गया और मरने का नाटक (एक्टिंग) करने लगा। जब भालू उसके पास आया….


तो उसे सूंघने लगा और भालू ने यह समझा कि वह मर चुका है तो भालू वहां से चला गया। उसके बाद पेड़ पर चढ़ा उसका दोस्त नीचे उतरा क्योंकि वह ऊपर से सब कुछ देख रहा था तो उसने अपने मित्र से पूछा कि भालू ने आकर उसके कान में क्या कहा था।


तब उसके मित्र ने जवाब दिया कि भालू ने उसके कान में यह कहा है कि झूठे मित्रों पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए और उनसे दूर रहना चाहिए क्योंकि वह दोस्त कभी भी धोखा दे सकते हैं।


सीख

(Moral of the story)


आपका सच्चा मित्र वही जो मुसीबत में आपका साथ दे ना कि वो आपको मुसीबत में अकेला छोड़ जाए।


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