लोभी लोमड़ी | Panchtantra Story In Hindi

लोभी लोमड़ी | Panchtantra Story In Hindi

पंचतंत्र की कहानियां पढ़ने के बाद हमें जो सीख मिलती है उसे हमें अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए। आइए पढ़ते हैं panchtantra story in hindi:




लोभी लोमड़ी
(Hindi Panchtantra Story)


भारत के उत्तराखंड में एक जंगल था, उस जंगल में एक लोमड़ी बहुत ही लोभी थी। एक दिन वो एक नदी के किनारे जा रही थी...


तभी… उसे एक पेड़ के पास रोटी दिखाई दी।


वह  सोचने लगी…. कि वो उस रोटी को कैसे अपने पास खाने के लिए लेकर आए???


तभी उस लोमड़ी को नदी के किनारे पुल दिखाई दिया। 


उस पुल की तरफ वह लोमड़ी भागते हुए गई और नदी के दूसरे किनारे पर पहुंच गई और उस रोटी को मुंह में दबाकर वापस आने लगी...


किंतु जब वह लोमड़ी वापस आ रही थी तो उस लोमड़ी की नजर नदी में अपनी परछाई पर पड़ी…



और देखा कि उस लोमड़ी के मुंह में भी रोटी है तो लोमड़ी के मन में लोभ जाग गया...


और, उस लोमड़ी ने सोचा कि क्यों न मैं दूसरी लोमड़ी (परछाई वाली लोमड़ी) की भी रोटी छीन लूं??? इसलिए उस पर वो घुर्राने लगी....



किंतु परछाई ने भी पलटकर घुर्राया तो लोमड़ी को लगा कि वह लोमड़ी उसकी रोटी को लेना चाहती है इसलिए उस लोमड़ी ने नासमझी में उस पर झपट्टा मारा...


इस दौरान उसके मुंह से रोटी गिर गई और नदी में बह गई और इस तरह लोमड़ी के हाथ कुछ नहीं लगा और वो लोमड़ी भूखी ही रह गई।


सीख

(Moral Of The Story)


इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें दूसरों का हक नहीं छीनना चाहिए और उस लोभी लोमड़ी की तरह लोभ नहीं दिखाना चाहिए जो हमारे पास है, हमें उसमें ही खुश रहना चाहिए।


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