मनहूस कौन | Akbar Birbal Ki Kahani

मनहूस कौन | Akbar Birbal Ki Kahani

Akbar Birbal Ki Kahani बड़ी ही रोचक और मजेदार होती है। इन कहानियों से हम बहुत कुछ अच्छा सीखने को मिलता है। आइए पढ़ते ऐसी ही एक बेहतरीन Akabr Birbal Ki Kahani Hindi Me



मनहूस कौन 

(Akbar Birbal Ki Kahani)


अकबर के दरबार में एक राधूमल नाम का सिपाही था। जो अपने आपको बहुत तेज और विद्वान समझता था लेकिन हकीकत में वह एक बेवकूफ और अंधविश्वासी व्यक्ति था।


एक दिन वह राजा अकबर को बता रहा था कि हुजूर हमारे राज्य में एक मनोहर नाम का आदमी रहता है। उस आदमी की शक्ल जो एक बार सुबह में देख लेता है तो उसका पूरा दिन बेकार जाता है।


उसने यह भी कहा कि मैं आपको राज्य में कई ऐसे व्यक्तियों से मिलवा दूंगा जिनका पूरा दिन इसलिए खराब हो गया क्योंकि उन्होंने सुबह-सुबह मनोहर की शक्ल देख ली थी।


इतना सुनने के बाद आजा अकबर राधूमल को डांटने लगे और कहने लगे क्या फालतू की बात कर रहे हो।


राधूमल ने बोला महाराज मैं आपको उस व्यक्ति से मिला देता हूं....


आप जिस सुबह उस व्यक्ति से मिलेंगे उसके बाद आपका पूरा दिन ही बेकार जाएगा।


इतना सुनने के बाद महाराजा अकबर ने भी कहा कि ठीक है तुम उसे बुलाओ मैं उससे मिलता हूं। उसके बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। 


अगली सुबह मनोहर को राज दरबार में बुलाया गया और राजा अकबर ने उससे सुबह-सुबह बात की।


जैसे ही मनोहर और राजा अकबर की बात खत्म हुई वैसे ही राजा अकबर को यह खबर मिली कि उनके गोदाम में आग लग गई है।


गोदाम में आग लगने की खबर सुनकर तुरंत ही राजा अकबर ने सिपाहियों को भेजा ताकि वहां मुआयना किया जा सके कि नुकसान कितना बड़ा हुआ है।


बाद में पता चला कि नुकसान बहुत बड़ा हुआ है। फिर राजा अकबर महल में जाते हैं नाश्ता करके और फिर अपने राज दरबार में आते हैं।


जैसे ही वह राज दरबार में आते हैं तो राज दरबार की सीढ़ी पर चढ़ते वक्त उनका पैर फिसल जाता है और वह गिर जाते हैं जिससे उन्हें काफी चोट लगता है। तुरंत साही हकीम को बुलाया जाता है और उनका इलाज कराया जाता है। 


फिर अकबर सोचने लगते हैं कि आखिर आज उनके साथ यह हो क्या रहा है तभी उनके सामने राधूमल आता है और कहता है कि महाराज आपने सुबह-सुबह मनोहर नाम के मशहूर व्यक्ति का मुंह देख लिया था इसलिए आपके साथ ऐसा हो रहा है।


अकबर को यह बात पर यकीन नहीं था लेकिन जब अकबर के साथ इतनी सारी घटना घटी तो उनको भी इस बात पर यकीन होने लगा।


उन्होंने अपने सिपाहियों को यह आदेश दिया की जाकर मनोहर को गिरफ्तार कर लिया जाए और उसे कैद खाने में डर दिया जाए ताकि उसकी शक्ल देखने की वजह से किसी और का नुकसान ना हो।


सिपाही जाकर मनोहर को कैद करके ला ही रहे थे तभी मनोहर को रास्ते में बीरबल मिल गए। 


बीरबल ने मनोहर से पूछा कि मनोहर क्या बात है ये लोग तुमको क्यों ले जा रहे हैं तब मनोहर ने सारी बात बीरबल को बता दी....


बीरबल ने कहा कि मैं तुम्हें छुड़वा देता लेकिन यहां पर राजा अकबर का आदेश है लेकिन फिर भी मैं तुम्हें जैसा कहता हूं वैसा करो तुम छूट जाओगे।



इतना कहने के बाद बीरबल मनोहर के कान में कुछ फुसफुसाए। जब मनोहर से राजा अकबर ने कहा कि तुम्हें कैद खाने में डाल दिया जा रहा है क्योंकि तुम्हारी शक्ल देखने से लोगों को नुकसान होता है।


क्या तुम्हें इसके सफाई में कुछ कहना है तो मनोहर बोला कि आपने महाराज मेरी शक्ल देखी तो आपका सिर्फ पैसों का नुकसान हुआ और थोड़ी चोट लगी जो कि ठीक हो सकती है।


लेकिन आपका शक्ल देखने से मेरा तो इतना नुकसान हो गया कि मैं जीवन भर के लिए कैद खाने में कैद हो गया। तो आप ही बताइए कि ज्यादा मनहूस कौन है।


अकबर समझ गए कि ये बीरबल की ही योजना होगी और उसके बाद मनोहर को रिहा कर देते हैं


सीख
(Moral Of The Story)

 

जीवन में छूट पुट या बड़ी घटना मात्र किसी की शकल देखने से या फिर उसको कोसने या किस्मत ही बुरी थी ये सब बोलने से नहीं होती। हमें घटना की तह (depth) में जाकर उसका solution देखना चाहिए।


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