तीन गधों का बोझ | Akbar Birbal Ki Story

तीन गधों का बोझ | Akbar Birbal Ki Story

Akbar Birbal Ki Story बड़ी ही रोचक और मजेदार होती है। आइए पढ़ते हैं एक ऐसी ही रोचक Akbar Birbal Ki Kahani 


 तीन गधों का बोझ

(Akbar Birbal Ki Kahani) 


यह कहानी राजा अकबर के समय की है। बीरबल राजा अकबर के बड़े चहिते थे और राजा अकबर की हर मुश्किल का हल बीरबल निकाल देते थे इसलिए बीरबल पर राजा अकबर खुश रहते थे।



बीरबल को राजा अकबर बहुत मानते थे और अपना एक बहुत अच्छा दोस्त भी समझते थे। बीरबल से अकबर मजाक भी करते थे।


एक दिन की बात है बीरबल और राजा अकबर दोनों अपने राज्य की एक नदी में घूमने के लिए गए।


रास्ते में राजा अकबर और बीरबल को बीरबल के दोनों बेटे मिल गए और चारों नदी देखने के लिए जाने लगे।


जब अकबर बीरबल और बीरबल के दोनों बेटे नदी के किनारे पर पहुंचे तो अकबर और बीरबल के दोनों बेटों को नहाने का मन करने लगा लेकिन बीरबल नहाने के लिए तैयार नहीं थे।


अकबर ने बीरबल को मनाने की पूरी कोशिश की लेकिन बीरबल तैयार नहीं हुए।


उसके बाद अकबर और बीरबल के दोनों बेटों ने अपने अपने कपड़े उतारकर बीरबल को दे दिए और नदी में नहाने चले गए। 


दोनों खूब मजे से नदी में नहा रहे थे। अकबर को हमेशा बीरबल से मजाक करने की आदत थी इसलिए उन्होंने कोई तरकीब सोचनी शुरू कर दी ताकि वह बीरबल से किसी तरह का मजाक कर सके।


कुछ देर सोचने के बाद अकबर को एक अच्छा मजाक सूझा और उन्होंने बीरबल से कहा बीरबल आपको एक बात मालूम है आप तो नहा नहीं रहे हैं और आप एक गधे भर का बोझ उठाकर खड़े हैं।

आप जरूर थक गए होंगे आप कहीं बैठकर आराम कर लीजिए। अकबर ने मजाक मजाक में ही बीरबल को गधा बोल दिया।


अब बीरबल को कोई गधा बोले यह सुनकर बीरबल चुप थोड़ी रहेंगे।


बीरबल ने झट से जवाब देते हुए कहा कि हुजूर आप यह बात नहीं जानते हैं कि मैं एक गधे का नहीं बल्कि तीन गधे का बोझ लेकर खड़ा हूं इसलिए थक गया हूं।


अगर एक गधे का बोझ लेकर खड़ा रहता तो नहीं थकता मगर तीनों गधों का बोझ मैंने लिया है तो तीन गधों का बोझ मुझसे अब नहीं उठाया जा रहा मैं इसे नीचे रख देता हूं। 


इतना कहकर बीरबल ने अकबर के और अपने दोनों बेटों के कपड़े जमीन पर रख दिया।


जैसे ही अकबर का कपड़ा जमीन पर रखा गया।


अकबर का कपड़ा गंदा हो गया....


और अकबर को अपने ही मजाक पर लज्जित होना पड़ा।


अकबर मजाक में हार चुके थे लेकिन मन ही मन बहुत खुश हुए और बीरबल की तारीफ करने लगे...


क्योंकि उन्हें यह बात मालूम था कि बीरबल की इसी हाजिर जवाबी की वजह से अकबर के महल में कोई भी आता है तो बीरबल उसका जवाब दे देते हैं।


एक बार फिर अकबर को यकीन हो गया कि मैंने बीरबल को महामंत्री बनाकर किसी भी तरह की कोई गलती नहीं की।


कुछ देर नहाने के बाद तीनों नदी से बाहर निकलते हैं और अपने अपने कपड़े पहनकर महल में चले जाते हैं।


बीरबल के दोनों बेटे भी अपने घर चले जाते हैं।


अकबर और बीरबल महल में जाते हैं और अपने अपने काम में लग जाते हैं। 


सीख
(Moral Of The Story)


बेवजह किसी से हमें ऐसा मजाक नहीं करना चाहिए जिससे किसी को बुरा लग जाए। हमें अपनी भावनाओं पर काबू रखना चाहिए।


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