लक्ष्य की दिशा || Motivational Article In Hindi

लक्ष्य की दिशा || Motivational Article In Hindi

जीवन में अपने सपनों को पूरा करने का पहला चरण लक्ष्य निर्धारित करना होता है। बिना लक्ष्य के चलना अंधरे में तीर मारने के समान होता हैं। आइए पढ़ते हैं ये बेहतरीन motivational article in hindi :




 लक्ष्य की दिशा 

(Motivational Article In Hindi)


लक्ष्य ही जीवन की दिशा को निर्धारित करता है। बिना लक्ष्य के कोई भी सफलता को नहीं छू सकता है। 


लक्ष्य को सही समय में चुनना बल्कि ये कहना चाहूंगा कि अपने लक्ष्य को जितना जल्दी चुना जाए उतना ही अच्छा है। 


जितना समय हम अपने लक्ष्य को चुनने में लगाएंगे उससे कही ज्यादा समय उसको हासिल करने में लग जाता है।


आज की पढ़ाई में बच्चो को कई तरह की शिक्षा को सिखाया जाता है, जिसमें भाषा, गणित, अंग्रेजी जैसे पाठ्यक्रम के साथ खेल कूद, गायन और वादन की कक्षाएं और नृत्य आदि की जानकारियाँ दी जाती है।


जिससे वे अपनी रूचि के अनुसार अपनी छोटी सी उम्र में ही अपने लक्ष्य को पहचान सकें और उसी के अनुरूप आगे बढ़ सके।  


अगर मनोवैज्ञानिक की बात कहे तो जब कोई व्यक्ति अपनी रूचि के अनुसार अपना लक्ष्य चुनता है।


और, उसी को अपना पेशा बनाता है और वह उसके लिए अपनी पूरी कोशिश और मेहनत को लगा देता है तो उसमें यकीनन वो सफल भी होता है। 


अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपना लक्ष्य मात्र आठवीं कक्षा में ही निर्धारित कर दिया था कि उन्हें देश का राष्ट्रपति बनना है।


अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए उन्होंने अपना प्रयास शुरू कर दिया और पूरी लगन और प्रयास से उन्होंने लक्ष्य को प्राप्त किया।


और अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में अपने पद को संभाला और सबको ये साबित कर दिया कि लक्ष्य को जितना जल्दी चुना जाए उतना ही अच्छा रहता है।  


देर से चुने गए लक्ष्य के लिए प्रयास भी देर से होता है और उसको हासिल करने में भी एक उम्र निकल जाती है।


ज्यादातर बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर या कोई और तरह के लक्ष्य को पाने की रूचि तो रखते है लेकिन उम्र के पड़ाव के साथ उनके लक्ष्य भी बदल जाते है और वे लक्ष्य के लिए देरी से प्रयास करते हैं।

 

महान गायिका और हमारी स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी ने अपने बचपन से ही गायिका बनने की रूचि को ही अपना लक्ष्य निर्धारित किया था और अपनी लगातार कोशिशों से उसको प्राप्त भी किया था। 

  

लक्ष्य निर्धारित करने वालों को कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ता है। रूजवेल्ट की बातो को समझे तो जब हम अपने लक्ष्य को चुनते है तो हमारी आधी दूरी तो ऐसे ही पूरी हो जाती है और उस दिशा में किये गए प्रयास जल्दी ही सपने को पूरा कर देते हैं।  


लक्ष्य चयन की बात की जाए तो आपका अंतर्मन और आत्मा आपको ये एहसास दिलाती है कि आपके लक्ष्य क्या होने चाहिए और कई बार ऐसे उदाहरण आपको मिलते है जिससे आपको एहसास होता है कि आपका लक्ष्य यही होना चाहिए। 


कवि रूमी कहते हैं कि दुनिया में हर एक इंसान के लिए एक लक्ष्य तय होता है और वह किसी न किसी तरह के लक्ष्य से जुड़ता है और उसको पूरा करने की भावना भी उसके अंदर पहले से ही होती है।  


अब वह इस लक्ष्य को जो जितना जल्दी पहचान और समझ लेता है वह उतना ही जल्दी अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है।


और जीवन को सुखपूर्वक जी लेता है। उस पर किसी तरह का दवाब नहीं होता है क्योंकि अपने लक्ष्य का निर्धारण उसने खुद किया होता है और समय से पहले उसको प्राप्त कर लेता है।


यह भी पढ़ें -


मेरी कविता


स्वामी विवेकानंद जी की रोचक कहानी


बेहतरीन रोचक कहानी - हो सकता है


Post a Comment

0 Comments