जिन्दगी न यार साधारण नहीं होनी चाहिए | Motivational Article In Hindi

जिन्दगी न यार साधारण नहीं होनी चाहिए | Motivational Article In Hindi

मेरा ये मानना है कि जिंदगी को साधारण नहीं होना चाहिए। खाना पीना सोना उठना ये जिन्दगी का मर्म नहीं होना चाहिए। केवल हम आए और अपनों के लिए जीकर चले गए। क्या ये लाइफ है?


जिन्दगी न यार साधारण नहीं होनी चाहिए

(Life Shouldn't Be Simple) 


मैं तो ऐसा कदापि नहीं मानता…आपका क्या मानना है इस बारे में?? अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरुर लिखिएगा…


हम इस दुनिया में आए तो हमारा एक Vision होना चाहिए। एक ऐसा दृष्टिकोण जो हमारे जीवन का उद्धार तो करे ही साथ ही साथ समाज देश दुनिया सभी का भी उद्धार करें।


ताकि आप जैसे व्यक्तित्व सालों साल अमर बन जाए और आप जैसे व्यक्तित्व दूसरे भी बनने की सोचने लगे।


माना ये बात सच है कि selfish तो आज के इस आधुनिक युग में बनना ही पड़ेगा लेकिन इस तेजी से बदलते जमाने में हम इतने भी selfish न बन जाए कि हमें मानवता किताबों में पढ़ने को मिले।


और स्कूल में बच्चों को मानवता क्या होती है पढ़ाना शुरु कर दिया जाए!!!


व्यक्ती व्यक्ती से भागे नहीं बल्कि उसके साथ चलना चाहिए। सुख का ही साथी नहीं वरन दुख का भी होना चाहिए। मिलके बोझ उठाने वाले पता नहीं क्यों इस आधुनिक युग में विरले ही बचे हैं। 


सब लोग अपना अपना सोचने लगे है। व्यक्ती व्यक्ती से दूर भागने लगे हैं। कोरोना ने तो बहुत ही दूर भगा दिया है। 


पर्यावरण, हमारे पशु पक्षी, हमारी विरासत, हमारी संस्कृति, हमारा खान पान, हमारा पहनावा, हमारा धर्म और हमारा देसी अंदाज सब बदल चुका है। 


पर्यावरण दूषित हो चुका है, पशु पक्षी तकनीक और प्रदूषण के कारण खत्म होते जा रहे हैं।


हमारी विरासत, हमारे बुजुर्ग और हमारे युवा अभद्रता और गलत व्यवहार का शिकार हो रहे हैं...


हम सभी पश्चिमी अंदाज के Followers होते जा रहे हैं।


अपनी सभी जड़ों को हम दिन प्रतिदिन बड़ी ही तेजी से काटते जा रहे हैं।


आज हम सबको इनके अनुकरण से बचने की जरुरत है और इस महान कार्यों के लिए असाधारण बनने की जरुरत है। 


सरकारें सरकारी संपत्ति को अंबानी, अडानी को बेचती जा रही है जिससे सार्वजनिक क्षेत्र सिकुड़ता जा रहा है।


आने वाले समय में हो सकता है सरकारी स्कूलों को भी प्राइवेट स्कूल बनाकर सरकार इन्हें अंबानी अडानी को बेच दें।


क्योंकि इससे सरकार सरकारी नोकरी वालों को बड़े बड़े वेतन देने से बच जाएगी लेकिन इसका सीधा असर गरीब जनता की जेब पर पड़ेगा…


चलो ये तो रही फ्यूचर की बात लेकिन इस फ्यूचर का हिस्सा तो हमारे युवा ही बनने वाले हैं और आने वाले कल की बागडोर भी युवा ही संभालेंगे...


इसलिए जरूरत है कि हम असाधारण बनें और इसकी शुरुआत हमें कल नहीं अभी करनी होगी।


आइए कुछ असाधारण करते हैं और देश को दुनिया को समाज को मोहल्ले को बदलते हैं।


जय हिन्द जय भारत 


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