जिंदगी लंबी नहीं मेरे दोस्त बड़ी होनी चाहिए | Motivational Article In Hindi

जिंदगी लंबी नहीं मेरे दोस्त बड़ी होनी चाहिए | Motivational Article In Hindi

आज मुझसे मेरे दोस्त ने पूछा कि यार जिंदगी कैसी होनी चाहिए तो मैंने उससे ये ही लाइन बोली कि भाई जिंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए। आइए आपसे भी साझा करता हूं वो अच्छी बातें जो मैंने सांझा करी थी अपने दोस्त के साथ। आइए पढ़ते हैं ये बेहतरीन Motivational Article In Hindi 



जिंदगी लंबी नहीं मेरे दोस्त बड़ी होनी चाहिए 

(Motivational Article)


आपने पैसा खूब कमाया और आपने उस पैसे को अपने ऊपर लगाया और सारी ज़िंदगी अपने पैसे से खूब मौज करी और 40 की उम्र के बाद ज़िंदगी ने टाटा बाय बाय कह दिया। 


फिर आपके बेटों ने उस पैसो से मौज ली और उसके बाद एक टाइम वो पैसा खत्म। फिर से जीवन शून्य पर आ गया। क्या ये जिंदगी आप चाहते हैं???? 


क्या पैसा ही कमाना सब कुछ है?


क्या पैसे से ही जिंदगी के सभी ऐशो आराम हम कर सकते हैं???


आपकी क्या राय है इन प्रश्नों पर?? इनका जवाब आप कमेंट बॉक्स में जरुर बताइएगा।


मेरा तो दोस्तों ये मानना है कि जीवन में हम चाहे। 40 साल जिए या फिर हम 90 साल जिए। वो मतलब नहीं रखता। मतलब रखता है कि हम कैसे जिए।


हमने जो अपना टाइम काटा उसमें हमने उस टाइम को कितना सार्थक (Meaning Full Quality Time Spend) बनाया।


एक ऐसा जीवन जिसमें हमने समाज, देश, परिवार और प्रकृति के लिए कुछ किया हो। क्या हमें इस धरती माता को छोड़कर जाने के बाद भी याद किया जा रहा है???


ये जीवन हमें जीना चाहिए। एक ऐसा जीवन जिसमें आने वाली पीढ़ी आपसे कुछ सीखे, आपके जीते जी भी और आपके मरने के बाद भी।


हम अक्सर सोच सोचकर परेशान होते रहते हैं क्या करें…क्या करें….फलाना फलाना। समझ में नहीं आता कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं…


अरे!! जब समझ आ भी जाता है तो फैसला लेने में सोचने लगते हैं।


ये तो हद ही हो जाती है। इतना सोचना फिरना। इतना दिमाग को दौड़ाना क्यों?? आखिर क्यों??


अगर आप अच्छा सोच रहे हैं और उसके फैसले लेने में दिक्कत महसूस कर रहे है तो ये जरूर जान ले कि जो इस दुनिया में बड़े बड़े आदमी बने हैं वो अपनी decision making power ability के कारण ही बड़े बने हैं।


अरे अच्छा सोचोगे तो अच्छा ही होगा न और क्या भी हो गया जी आपको कुछ घाटा हो जाए तो। कम से कम आपने कोशिश तो करी। 


अरे 100 में से 90 लोग तो कोशिश करने से पहले ही हार मान लेते हैं। मतलब आप उस कैटेगरी में तो नहीं हो न जो अपने फैसले लेना ही नहीं जानते।


हमें जिंदगी को साधारण नहीं असाधारण बनाना होगा तब ही आपकी कदर होगी और इसके लिए आपको खुदकी वैल्यू को भी समझना होगा।


जो आज कल हम लोगों को हर काम के लिए हां बोल देते हैं न, उस आदत को बदलना होगा। हमें ना बोलना सीखना पड़ेगा।


अगर हमें समाज का विकास करना है तो उसके लिए हमें सबसे पहले अपना विकास करना पड़ेगा।


तो दोस्तों! लग जाओ तैयारी में। जिंदगी की गाड़ी तो चलती ही रहेगी। हमें अपनी जिंदगी को चलाना ही नहीं है हमें उसे अच्छा भी बनाना है। तो आइए मेरे साथ वादा करिए कि हम जिंदगी को लंबा नहीं हम जिंदगी को बड़ा बनाएंगे ताकि हमारा देश भी विकास के नए पुल बांध सकें।


जय हिन्द!! वंदे मातरम्


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