रवींद्रनाथ टैगोर जी बीसवी सदी के एक विश्वस्तरीय कवि थे। हमारा राष्ट्रगान जन गण मन उनके द्वारा रचा गया था। वह सुंदरता सेनानी, शिक्षाविद, चित्रकार और नाटक लेखक भी थे। 1913 में उन्हें कविता पुस्तक गीतांजलि के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार भी मिला था।
रवींद्रनाथ टैगोर
(Ravindranath Tagore Jivani In Hindi)
रवींद्रनाथ टैगोर जी का जन्म 1861 में बंगाल में हुआ था।
उन्हें कई बार स्कूल भेजा गया, लेकिन वह स्कूल में पढ़ाई न कर सके…
उन्हें लगता था कि अनुशासन और शिक्षा का जो पारंपरिक तरीका है, वह उनकी स्वतंत्र आत्मा के विकास में बाधा उत्पन्न करेगा, इसलिए उनकी शिक्षा एक निजी शिक्षक द्वारा घर पर ही हुई।
अपनी किशोरावस्था खत्म होते-होते हुए एक लड़की के प्रेम में पड़ गए, जिसने उनकी आत्मा को ताजगी से भर दिया। वे ज्यादा से ज्यादा मानसिक चिंतन करने लगे…
प्राकृतिक वातावरण ने उन्हें शांति और प्रसन्नता से भर दिया।
उनके पिता ने उन्हें उपनिषद के विचारों और मतों की शिक्षा दी, जिन्होंने उन्हें कुछ बनने के लिए प्रेरित किया।
1877 में टैगोर ने पहली बार समुद्री यात्रा से इंग्लैंड की यात्रा की, इस इरादे से कि वह वहां जाकर कानून की पढ़ाई करेंगे लेकिन यह पेशा उन्हें आकर्षित नहीं कर सका और एक साल बाद वह भारत वापस आ गए…
रवींद्रनाथ ने रूढ़िवादी परंपराओं से स्वयं को अलग कर लिया और साहित्यिक गतिविधियों के एक नए युग की शुरुआत की।
22 वर्ष की उम्र में उन्होंने प्रभात संगीत शीर्षक के अंतर्गत कविताओं का संग्रह तैयार किया…
उनका हृदय राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत था और उन्होंने अपनी कलम का उपयोग राजनीतिक कविताएं, गीत और निबंध लिखने में किया।
1901 में टैगोर ने बोलपुर में शांतिनिकेतन(विश्वभारती विश्वविद्यालय) की स्थापना की।
उन्होंने उपन्यास और कहानियां भी लिखी। स्वतंत्रता और अनुशासन में उनका विश्वास हमेशा बना रहा।
महान व्यक्तित्व रवींद्रनाथ टैगोर जी की मृत्यु 1941 में हो गई।
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