सर आइजक न्यूटन : भौतिकशास्त्री और गणितज्ञ | Newton Biography In Hindi

सर आइजक न्यूटन : भौतिकशास्त्री और गणितज्ञ | Newton Biography In Hindi

न्यूटन का जन्म एक साधारण किसान परिवार में 1642 को इंग्लैंड में क्रिसमस के दिन हुआ था। उनका पालन पोषण उनकी दादी ने किया था। 


उनके पिता की मृत्यु के पश्चात् मां ने पुनर्विवाह कर लिया था


सर आइजक न्यूटन : भौतिकशास्त्री और गणितज्ञ 
(Sir Isaac Newton Biography In Hindi)


बहुत छोटी सी उम्र में ही उन्होंने विज्ञान में रुचि लेना शुरू कर दिया था। कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन की। 


1667 में न्यूटन का चयन ट्रिनिटी कॉलेज की फेलोशिप के लिए हो गया। 


उन्होंने ठान लिया था कि वह अपनी प्रतिभा का उपयोग वैज्ञानिक ज्ञान के समुद्र में डुबकी लगाने के लिए करेंगे। 


1668 में उन्होंने अपनी पहली परवर्ती दूरबीन बनाई, क्योंकि वह गैलीलियो से बहुत प्रभावित थे और उनके प्रायोगिक तथ्यों को आधार बनाकर कार्य को आगे बढ़ाना चाहते थे इसलिए उन्होंने प्रकाश के परावर्तन का सिद्धांत स्थापित किया। 


न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत की खोज कर अंतरिक्ष की वस्तुओं का अध्ययन आसान बना दिया। 


उनके सिद्धांत प्रिंसिपल में प्रकाशित हुए। उन्हें सर की उपाधि प्रदान की गई। 


एक दिन न्यूटन ने अपने बाग में गिरते हुए सेब को देखा।


न्यूटन ने निष्कर्ष निकाला कि इसका कारण धरती का गुरुत्वाकर्षण बल है और यही सिद्धांत उन्होंने सौरमंडल में तारों और ग्रहों की गति पर भी लागू किया। 


1701 में वह संसद के लिए चुने गए और बाद में मास्टर ऑफ नीट के रूप में नियुक्त हुए, जहां उन्होंने पूरी शक्ति के साथ अपना उत्तरदायित्व निभाया।


1727 में वह बीमार पड़ गए और 50 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई।


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