वाल्ट डिजनी : महान कार्टूनिस्ट | Walt Disney Biography In Hindi

वाल्ट डिजनी : महान कार्टूनिस्ट | Walt Disney Biography In Hindi

डिजनी का जन्म 5 दिसंबर, 1901 को इल्लीनोइस राज्य के शिकागो में हुआ था। उनके पिता किसान थे। 


डिजनी स्कूल गए, पहले मारसेलाइन में और बाद में कानसास शहर में। 


कनास शहर में डिज्नी ने पत्राचार से कला की पढ़ाई की और स्थानीय संग्रहालय में शनिवार को लगने वाली मुक्त कक्षाओं में उपस्थित रहे


 वाल्ट डिजनी : महान कार्टूनिस्ट 
(Wallt Disney Biography In Hindi)


जल्दी ही हाई स्कूल छोड़ दिया और प्रथम विश्वयुद्ध में भाग लेने के लिए सेना में भर्ती हो गए। 


डिज्नी ने 1 साल तक एंबुलेंस ड्राइवर के रूप में काम किया, फिर कानास शहर वापस आ गए और एक व्यावसायिक कलाकार के साथ प्रशिक्षु के बतौर जुड़ गए।


बहुत जल्दी ही एनीमेटेड विज्ञापन कार्टून बनाने लगे 1922 तक डिज्नी ने उब आई वर्कस के साथ मिलकर अपनी स्वयं की एक दुकान खोल ली। 


लेकिन, डिज्नी के पास पर्याप्त काम नहीं था। बड़े भाई के साथ हॉलीवुड चले गए, वहां कार्टून बनाना शुरू कर दिया। उनकी लिल्लीयान से शादी हो चुकी थी। 


उन्होंने अपनी कहानी स्टीमवोट विल्ली में मिकी माउस चरित्र का सृजन किया। डिजनी ने माउस के चरित्र को अपनी आवाज दी जिसका वास्तविक नाम 'मोरटिमर माउस' था।


डिजनी फिर भी सादा जीवन ही बिताते थे और पैसे को जमा करते थे, जो पैसा बचाते थे, उसे निवेश कर देते थे।


और; उससे प्राप्त होने वाले लाभ के साथ उसे फिर बेहतर कार्टून बनाने में निवेश कर देते थे। 


उनके अत्यधिक सराहे जाने वाले चरित्रों में मिकी माउस, मिनी माउस, डोनाल्ड डक और गूफी है, जिनका उन्होंने आविष्कार किया था और जिन्होंने युवाओं और बुजुर्गों को उनका दीवाना बना दिया था।


डिजनी अपने लघु अविधि के कार्टूनो में बिल्कुल अनूठे और नवीन प्रयोग करते हुए ध्वनि, संगीत और लोक कथाएं भी डाल देते थे। 


डिजनी के प्रतिष्ठान ने काफी प्रगति करी। 1930 में स्टूडियो में एनिमेशन सीखने को युवा आकांक्षियों के लिए प्रशिक्षण स्कूल स्थापित किया गया। 


यह इस प्रशिक्षण स्कूल के छात्रों का ही कमाल था कि उन्होंने 1937 में पहली फीचर लेंथ कार्टून फिल्म 'स्नो व्हाइट' को संभव बनाया। 


अन्य प्रसिद्ध कार्टून फिल्मों में पीनोकचिओ, बाम्बी और फैनटेसिया थी। 


1939 में डिजनी को मानद 'ऑस्कर' पुरस्कार मिला। 


1940 में डिजनी के कार्टूनों को सारे विश्व में सफलता मिली। प्रकाशन, विज्ञापन और उत्पादों के क्षेत्र में भी कदम रखा, जो आने वाले सालों में उनके सहायक व्यवसाय बन गए। 


1948 में उन्होंने सील आईलैंड का निर्माण किया और यह फिल्म विश्व भर में प्रदर्शित की गई। 


पहली लाइव एक्शन फिल्म ट्रेजर आइलैंड का निर्माण किया गया। लोगों ने डिजनी की फिल्मों को हाथों-हाथ लिया क्योंकि उन्हें भावनाओं में गूंथी रोमांचक कहानियां होती थी, जिन्हें मधुर संगीत के साथ प्रस्तुत किया जाता था। 


1950 तक डिजनी समृद्ध और प्रसिद्ध हो गए थे। अक्सर अपने बच्चों को मनोरंजन पार्क ले जाया करते थे। 


1955 में कैलिफोर्निया राज्य के एनाहेम में डिजनीलैंड बनाया गया।


डिजनी का यह प्रयास भी अत्यंत सफल रहा। 1971 में डिजनी वर्ल्ड फ्लोरिडा राज्य ओरलैंडों में भी खुला और उसके बाद डिजनी थीम पार्क टोक्यो और पेरिस में भी खुले। 


डिजनी एक अद्भुत व्यक्ति थे, जो अपने मस्तिष्क में ही सारी सीमाओं को पार कर अनूठी योजनाएं (Wonderful Planing) बना लेते थे। 


डिजनी ने भविष्य के एक ऐसे शहर को विकसित करने का सपना देखा जहां पर कुछ चुनिंदा लोग अत्यधिक सुविधाओं के साथ रह सके, हालांकि यह डिजनी के जीवन काल में नहीं हो पाया। 


1982 में सेंटर फॉर एक्सपेरिमेंटल प्रोटोटाइप कम्युनिटी टुमारो स्थापित किया गया।


उन्होंने कैलिफोर्निया स्कूल आफ आर्ट्स की भी स्थापना करी। यह संस्थान एक मिलन स्थल था, विभिन्न क्षेत्रों के लोगों का, जो सपने देखे, एक साथ काम करें और विभिन्न कलाओं का मिश्रण सृजित करें। 


1954 में उन्हें चार अकेडमी अवार्ड मिले। 1965 में डिजनी को उनकी फिल्मों, अनुसंधानो और परोपकारी कार्यों में योगदान के लिए प्रेसीडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम और फ्रीडम फाउंडेशन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।


डिज्नी की मृत्यु 15 दिसंबर,1996 को लॉस एंजेलिस में हो गई। 


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