कार्ल मार्क्स : साम्यवाद के पिता | Karl Marx Biography In Hindi

कार्ल मार्क्स : साम्यवाद के पिता | Karl Marx Biography In Hindi

कार्ल मार्क्स एक महान दार्शनिक थे, जिन्होंने पहली बार राजनीति में पूंजीवाद के विरुद्ध साम्यवाद का विचार दिया। 


वह एक मानवतावादी थे। उन्होंने देखा कि पूंजीवाद गरीब कामगारों के शोषण पर फल फूल रहा है। उन्होंने एक पुस्तक दास कैपिटल लिखी, जिसमें समाजवादी दर्शन का वर्णन किया और वर्गहीन समाज का विचार दिया। साम्यवाद को रूस में लेनिन द्वारा लागू किया गया था, जो कार्ल मार्क्स के विचारों से प्रभावित थे


कार्ल मार्क्स : साम्यवाद के पिता 
(Karl Marx Biography In Hindi)


कार्ल मार्क्स का जन्म 1818 में जर्मनी में हुआ था। मार्क्स ने कानून, दर्शनशास्त्र और धर्म की पढ़ाई करी। 


वह मानव जीवन में धर्म को कोई महत्व नहीं देते थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद मार्क्स को पत्रकार की नौकरी मिल गई।


वह ऐसे पत्रकार के रूप में प्रसिद्ध हो गए, जो आम पत्रकारों से अलग था। उन्होंने उन विचारों को सूत्रबद्ध करना शुरू कर दिया, जिन्होंने उन्हें अमर कर दिया। 


1874 में मार्क्स ने एक अन्य दार्शनिक एंजेल के साथ मिलकर 'कम्युनिस्ट घोषणा पत्र' प्रस्तुत किया। 


अपने क्रांतिकारी विचारों के कारण मार्क्स को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें देश निकाला देकर बेल्जियम भेज दिया गया। 


वह अपने परिवार के साथ लंदन चले गए और वहीं बस गए, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी, क्योंकि वह महसूस करते थे कि उनके विचार शक्तिशाली है और सच साबित होंगे। 


मार्क्स ने पूंजीवादी समाज व्यवस्था को उखाड़ फेंकने और आम जनता के लाभ के लिए उसे साम्यवाद से बदलने की वकालत करी।


उन्होंने मजदूरों को एक प्रसिद्ध नारा दिया 'सभी देश के मजदूर एक हो जाओ।' 


मार्क्स का विश्वास था कि साम्यवादी क्रांति सबसे पहले औद्योगिक देशों में होनी चाहिए जैसे इंग्लैंड, जर्मनी और फ्रांस, लेकिन वास्तव में यह औद्योगिक रूप से पिछड़े हुए देश रूस में हुई। 


महान दार्शनिक कार्ल मार्क्स का निधन 1883 में लंदन में हुआ।


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