दोस्तों हम केवल अपना अपना भला ही देखते रहते हैं और उसमें ही फंसे रह जाते हैं, सच तो ये हैं कि हम अकेले जब तक चलेंगे तब बहुत बड़ा नहीं अचीव कर पाएंगे लेकिन अगर मिलकर चलेंगे तो यकीनन बहुत बड़ा हम सरलता से अचीव कर लेंगे। आइए इसी सीख पर आधारित ये एक छोटी सी Panchtantra Ki Kahani पढ़ते हैं :
एकता में बल है : मिलकर चलो
(Power In Unity)
एक बार कमालपुर नाम के गांव के जंगल में एक कछुआ, चूहा और एक कौआ आपस में बड़ी ही गंभीर बातचीत कर रहे थे। तभी वहां पर अचानक से एक मग्गू हिरण भी आ गया।
ये क्या!!! देखते ही देखते वह चारों एक दूसरे के घनिष्ठ सच्चे मित्र बन गए और मौज मस्ती में अपना जीवन काटने लगने।
एक बार क्या हुआ ….जंगल में एक बड़ा ही अत्याचारी शिकारी आया और उसने बड़ी ही चालाकी से हिरण को अपने जाल में फंसा लिया।
अपने दोस्त को फंसा देख उसके तीनों दोस्त कछुआ, कौआ और चूहे ने उसे बचाने के लिए एक योजना बनाई और जाकर हिरण को बचाने में जुट गए।
तभी अचानक अत्याचारी शिकारी एक दम से वहां आ गया जिसे देखते ही चूहे ने भी जल्दी जल्दी हिरण का जाल कुतर डाला।
फिर फर्राटे से हिरण जंगल की ओर भाग गया….
तो वहीं चूहा भी पेड़ में बने एक छोटे से बिल में छिप गया…
और कौआ आसमान में उड़ चला… लेकिन बेचारा कछुआ उस अत्याचारी शिकारी के चंगुल से बच न सका…
फिर क्या था, अब दुबारा तीनों दोस्तों ने मिलकर कछुए को उस निर्दयी शिकारी के चंगुल से छुड़ाने की प्लानिंग बनाई।
कौए ने हिरण को समझाया ….मेरे दोस्त तुम तालाब के पास मृत होने की एक्टिंग करना और मैं अपनी चोंच से तुम्हारी आंख निकालने का झूठा नाटक करूंगा…
तभी वह निर्दय अत्याचारी शिकारी अपना थैला जिसमें अपना जिगरी दोस्त कछुआ है, वह उसे छोड़ेगा और तुम्हे पकड़ने के लिए जैसे ही आगे बढ़ेगा, तुम चकमा देकर जंगल की तरफ भाग जाना।
उधर तब तक अपना भाई पिंटू चूहा शिकारी का थैला कुतर डालेगा। कौए के कहे मुताबिक चूहे और हिरण ने ठीक वैसा ही प्लानिंग के तहत वारदात को अंजाम दिया।
निर्दयी अत्याचारी शिकारी ने जब हिरण को तालाब के किनारे मरा हुआ समझकर पकड़ना चाहा तो शिकारी को आता देखकर हिरण फर्राटे से उठकर जंगल की ओर भाग पड़ा।
तो वहीं दूसरी ओर चूहे ने भी अपना काम सैकड़ों में निपटाते हुए शिकारी का थैला काट दिया जिसके बाद चूहा कछुए को लेकर जंगल की ओर फरार हो गया।
फिर जब शिकारी थैलेे के पास वापस लौटा तो उसने देखा कि थैले में कछुआ भी गायब है जिसके बाद वह निर्दयी शिकारी अपना माथा पीटने लगा और घना निराश होने लगा।
बाद में सभी चारों मित्र अपना जश्न मनाने में लग गया और सुख शांतिपूर्वक अपना जीवन जीने लगे।
सीख
(Moral Of The Story)
हम एक साथ होकर अगर कोई काम करे तो उसमें हमें अवश्य ही सफलता मिलती है।
Read More Related To Post :
Best Motivational Story In Hindi | कहानी नाम - हो सकता है
Best Motivational Story In Hindi | कहानी - अपनी वैल्यू को बढ़ाओ
0 Comments
If you have any doubts let me know and thanks for giving your valuable time to visit my site.