मुझे नया मोबाइल दिला दो || Moral Story

मुझे नया मोबाइल दिला दो || Moral Story

इच्छाएं ही सभी समस्याओं का कारण हैं, आइए जानते हैं क्यों.... पढ़ते हैं ये बेहतरीन रोचक moral story in hindi for students 



मुझे नया मोबाइल दिला दो
(Moral Story In Hindi)


जैसा कि हर बच्चे की ख्वाहिश होती है कि उसे एक नया मोबाइल चाहिए होता है।


उसी प्रकार एक राम नाम का बच्चा था जिसने अपने सभी दोस्तों के हाथ में एक से बढ़कर एक मोबाइल को देखा और उसके मन में एक ख्वाहिश जागी कि उसे भी नया मोबाइल चाहिए।


घर आकर वह मोबाइल के लिए रोने लगा, उसके पिता ने अपने बच्चे को बहुत समझाया मगर वह बिल्कुल नहीं माना।


पिता ने उस बच्चे को promise किया कि वह उसे नया फोन अगले महीने लाकर दे देंगे।


मगर बच्चा बहुत गुस्सा हुआ और उसने अपना सभी सामान इधर-उधर फेंक दिया और घर छोड़कर जाने लगा....


घर छोड़कर जाते वक्त उसे उसके पिता ने रोका जो दरवाजे के पास बैठकर एक डायरी में कुछ लिख रहे थे।


मगर वह बच्चा इतने गुस्से में था कि उसने कहा कि बच्चे पैदा करना बहुत आसान है मगर उनकी जरूरतों को पूरा करना बहुत ही मुश्किल अगर आप मेरी जरूरत पूरा नहीं कर सकते थे तो मुझे पैदा ही क्यों किया।....


यह सुनकर पिता को बहुत आहत महसूस हुआ और वह बच्चा उनके हाथ से वह डायरी छीन कर भाग गया....


घर से कुछ दूर चले जाने पर उसने पिता की उस डायरी को खोला और उसने सोचा कि इसमें जरूर पिता ने अपना हिसाब किताब लिखा होगा जिसे पढ़कर मुझे पता चल जाएगा कि आखिर मेरे पिता को कितने लोगों से पैसे लेने हैं और घर का पूरा खजाना मेरा हो जाएगा....


उसने यह सोचकर इस डायरी को खोला मगर पहले पन्ने में जो लिखा था उसे पढ़कर ही उसे रोना आ गया...


पहले पन्ने में उन सभी लोगों के नाम लिखे हुए थे जिनसे उसके पिता ने कॉलेज में एडमिशन के लिए कर्ज लिए थे....


उसने जब डायरी के पन्ने को पलटा तो घर बनाने के लिए उसके पापा ने कितने जगह से कर्ज और लोन लिया है और उसमें से कितने का कर्ज लौटाना अभी बाकी है इन सभी चीजों के बारे में जानकारी लिखी हुई थी....


डायरी के आखिरी पन्नों में बच्चे को गिफ्ट दिया मोटरसाइकिल की EMI का हिसाब था....


यह सब देखकर बच्चों को काफी दुख हुआ डायरी के आखिरी पन्ने में यह भी लिखा था कि बच्चे को फोन दिलाने के लिए उसके पिता कितने लोगों के पास जाकर पैसे की फरियाद करेंगे....


उस बच्चे को अपने घर की गरीबी दिखने लगी और वह रोने लगा उसे यह महसूस हुआ कि इतनी गरीब हालत होने के बावजूद उसके पिता ने उसके सभी ख्वाहिशों को पूरा किया....


और उसके बाद भी मैं अपने पिता से और मांग कर रहा है। इन सभी बातों को सोच सोचकर वह रास्ते पर बैठकर जोर जोर से रोने लगा....


कुछ देर बैठकर रोने के बाद वह भागता हुआ, अपने घर में आया और जिस कोने में बैठकर उसके माता-पिता रो रहे थे उनके पैरों में गिरकर वह भी रोने लगा....


जब उसके पिता ने कहा कि उसे आज ही फोन में दिला देंगे तो पापा का हाथ पकड़कर और जोर-जोर से रोया और कहा कि अब उसे कुछ भी नहीं चाहिए.... उसने बताया कि उस डायरी में जो लिखा था उसने सब कुछ पढ़ लिया है।


और अब वह घर की स्थिति और पापा की कुर्बानियों को समझ चुका है। उसने अपने माता-पिता को promise किया कि वह बड़ा आदमी बनेगा और घर की सारी स्थिति को ठीक कर देगा। 


सीख

(Moral Of The Story)


इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि हम सामने वाले की स्थिति को बिना समझे केवल उनसे मांग करते रहते हैं और ऐसी परिस्थिति में हमारे मां-बाप अक्सर हमारी ख्वाहिशों को पूरा करते हैं।


हमें हमेशा अपने मां-बाप की इज्जत करनी चाहिए क्योंकि उनकी हालत चाहे कैसी भी रही हो वह हमेशा अपने बच्चों के लिए कुर्बानियां देते रहते हैं।


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