कुछ तो कर यूं ही मत हार | Moral Story In Hindi

कुछ तो कर यूं ही मत हार | Moral Story In Hindi

इंसान अक्सर जब जिम्मेदारियों से बंध जाता है तो उसके जीवन के एक नए रुप का निर्माण होता है। इस नए जीवन की शुरुआत में अगर बीच में बाधाएं आ जाए तो इंसान तनावग्रस्त हो जाता है। ऐसे तनाव को दूर करने के लिए हमारे जीवन में moral story in hindi का अहम योगदान होता है, आइए पढ़ते हैं ये बेहतरीन रोचक motivational story for students :
 

कुछ तो कर यूं ही मत हार
(Motivational Story In Hindi)


ढोलकपुर के राजा हरिसेन अपने दयालु स्वभाव के कारण पूरे राज्य में बहुत मशहूर थे, उनकी प्रजा उन्हें बहुत प्यार करती थी।


राजा काफी वीर भी था, जब भी उनके राज्य पर आक्रमण होता था वह उसके आक्रमण को तोड़ देता था और अपने राज्य को बचा लेता था।

बगल में एक और राज्य था जो ढोलकपुर की खुशहाली को देखकर जलता था।


वो ढोलकपुर राज्य पर कब्जा करना चाहता था।


लेकिन, वह ढोलकपुर के राजा की वीरता के कारनामों से डरता था।


इसीलिए, उसने अकेले हमला न करने की बजाय दूसरे राज्यों के राजाओं के साथ साठ गाठ कर ढोलकपुर राज्य पर हमला करने का षडयंत्र नाया।


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सभी राजाओं के द्वारा एक योजना बनाई गई।


जिसमें यह निर्णय लिया गया कि ढोलकपुर के राज्य के राजा को बेहोश करके दूर किसी पहाड़ी पर बंद कर दिया जाएगा।


और, उसके राज्य पर कब्जा करके मौका देखकर उसे मार दिया जाएगा।


इस षड्यंत्र को अंजाम देने के लिए राजा के सभी पहरेदारों को शामिल किया गया।


और, षड्यंत्र के मुताबिक राजा के पहरेदारों ने राजा के खाने में बेहोशी की दवा मिला दी।


और, जब राजा बेहोश हो गया तो उसे उठाकर दूसरे राज्य के जंगल में स्थित एक गुफा में ले जाया गया। 


सुबह जब राजा के चेहरे पर सूर्य की रोशनी पड़ी।


तो उसे होश आया और उसने पाया कि वह एक अनजान गुफा में बंद है जिसका दरवाजा बड़े से पत्थर के जरिए ढ़क दिया गया है।


राजा गुफा से बाहर निकलने के लिए बहुत मेहनत करता है लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी वह वहां से बाहर नहीं निकल पाता है।


और, उसे ऐसा लगने लगता है कि उसका सारा राज्य खत्म हो जाएगा और वह हमेशा के लिए इस इस गुफा में ही बंद रह जाएगा। 



मगर तभी राजा को उसकी मां द्वारा दी गई सीख याद आई कि "कुछ तो कर यूं ही मत हार"


इसे याद करने पर राजा के मन में हिम्मत का संचार हुआ और उसने उस पत्थर को दोबारा हटाने के बारे में सोचा।


मगर जब वह पत्थर को हटाने का प्रयास कर रहा था तभी एक जहरीले सांप ने उसके पैर पर डस दिया।


जिस वजह से राजा की तबीयत खराब हो गई और शरीर में जहर फैलने लगा यह देखकर राजा बहुत डर गया और उसकी हिम्मत फिर से टूट गई। 


मगर जैसा कि उसकी मां ने उसे सिखाया था कि "कुछ तो कर यूं ही मत हार" इस बात से प्रेरित होकर उसने अपने कमर से कटार निकाली और अपने पैर का वह हिस्सा काट दिया जिस पर सांप ने काटा था।


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उसके शरीर से जहर का संचार तो रुक गया मगर काफी ज्यादा खून बहने लगा।


मगर राजा को उसकी मां की बात फिर से याद आई की "कुछ तो कर यूं ही मत हार"


और फिर, राजा ने हिम्मत से काम लिया और अपने शरीर का सारा जोर लगाकर गुफा के सामने लगे हुए पत्थर को हटाया।


और, अपने सभी संकटों को याद करने से उसे काफी हिम्मत मिली जिससे वह दरवाजे को खोल पाया और उस गुफा से बाहर निकला। 


गुफा से बाहर निकलकर राजा अपने राज्य पहुंचा और सारी प्रजा अपने राजा को देख बहुत खुश हुई।


और, फिर दुश्मनों को उस राज्य से मार भगाया।


इस प्रकार केवल एक मंत्र ने राजा की जान बचाई


सीख
(Moral Of The Story)


अपनी हर संकट की परिस्थिति में इस मंत्र को सदैव याद रखें कि "कुछ तो कर यूं ही मत हार"

बड़े से बड़े संकट भी आसान हो जाते हैं जब हम हिम्मत से काम लेते हैं इसलिए हमे कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।


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