रासबिहारी बोस || Rashbehari Bose In Hindi

रासबिहारी बोस || Rashbehari Bose In Hindi

आजादी के गुमनाम चेहरे जिनके बारे में हमें जरुर जानना चाहिए। आइए जानते हैं रासबिहारी बोस (Rash Behari Bose History In Hindi) के बारे में



रासबिहारी बोस || Rash Behari Bose History In Hindi


भारतीय क्रांतिकारी रास बिहारी बोस अपनी पूरी जिंदगी भारत को आजादी दिलाने के लिए अंग्रेजों की हुकूमत के खिलाफ लड़ते रहे।


बंगाल के विभाजन के दौरान वे पहली बार क्रांतिकारी गतिविधियों से जुड़े। विभाजन को रोकने के लिए अरबिंदो घोष और जतिन बनर्जी के साथ मिलकर उन्होंने बंगाल विभाजन के पीछे अंग्रेजी हुकूमत की मंशा का खुलासा करने का प्रयास किया।


रास बिहारी बोस ने अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध 'गदर षड्यंत्र' की योजना शुरू की।


इसके अलावा उन्होंने दिल्ली में भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड चार्ल्स हार्डिंग पर बम फेंकने की योजना बनाई। जापान जाकर 'इंडियन इंडिपेंडेंस लीग' और 'आजाद हिंद फौज' की स्थापना की।


'दिल्ली दरबार' के बाद तत्कालीन वायसराय लॉर्ड हार्डिग की सवारी दिल्ली के चांदनी चौक में निकाली जा रही थी। रास बिहारी ने उन पर बम फेंकने की योजना बनाई।


युगांतर दल के सदस्य बसंत कुमार विश्वास ने हार्डिंग की बग्गी पर बम फेंका, लेकिन निशाना चूक गया और पुलिस ने बसंत को पकड़ लिया।


बम की वजह से मची भगदड़ का फायदा उठाकर रास बिहारी पुलिस से बच निकले और रातों-रात रेलगाड़ी से देहरादून चले गए।


इसके बाद उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत को आजादी दिलाने के लिए गदर की योजना बनाई।


वर्ष 1915 के फरवरी महीने में उन्होंने अपने भरोसेमंद क्रांतिकारियों की सेना के साथ युद्ध करने की योजना बनाई। पर यह योजना सफल नहीं रही और वे जापान चले गए।


वहां अपने जापानी क्रांतिकारी मित्रों के साथ मिलकर वे देश की आजादी के लिए निरंतर प्रयास करते रहे।


टोक्यो में एक सम्मेलन में उन्होंने 'इंडियन इंडिपेंडेंस लीग' की स्थापना की और भारत की आजादी के लिए एक सेना बनाने का प्रस्ताव भी पेश किया।


रासबिहारी बोस लगातार कोशिश करते रहे। वे किसी भी असफलता से हताश होकर नहीं बैठे।


और देश के लिए कुछ करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे। हर परिस्थिति में वे देश के बारे में ही सोचते रहे।


वे देश में रहे या देश के बाहर, देश को हमेशा उन्होंने अपने दिल में रखा।


जय हिन्द जय भारत वंदे मातरम्


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