छोटा बांस बड़ा बांस | Akbar Birbal Ki Kahani

छोटा बांस बड़ा बांस | Akbar Birbal Ki Kahani

Akbar Birbal Ki Kahani बड़ी ही रोचक और मनमोहक होती है। ये कहानियां हमें बेहतरीन सीख तो देती ही है साथ में उत्साह से भी भर देती है। आइए पढ़ते हैं ऐसी ही रोचक Akabr Birbal Ki Kahani 


 छोटा बांस बड़ा बांस

(Akbar Birbal Ki Kahani)


राजा अकबर और बीरबल के कई किस्से फेमस है। राजा अकबर और बीरबल की मित्रता भी काफ़ी फेमस है।


बीरबल राजा अकबर के यहां महामंत्री थे और अकबर की हर मुश्किल में उनको सलाह देकर मुश्किल से निकालते थे।


अकबर के दरबार में बीरबल अनमोल रत्न थे।


अकबर की एक आदत थी कि वह हमेशा बीरबल से मजाक किया करते थे और समय-समय पर बीरबल की परीक्षा भी लिया करते थे।


एक दिन बीरबल और राजा अकबर दोनों शाही बगीचे में टहलने के लिए गए थे। 


बीरबल लतीफा सुन रहे थे और अकबर बीरबल के लतीफे का लुफ्त उठा रहे थे और मजे ले रहे थे।


इतने में अकबर को शाही बगीचे में घास पर पड़ा एक बड़ा बांस का टुकड़ा दिखा।


जैसे ही राजा अकबर को वह बांस का टुकड़ा दिखा तो राजा अकबर के दिमाग में मजाक सूझी और इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी सोचा कि इससे बीरबल की परीक्षा भी हो जाएगी।


उन्होंने बीरबल से कहा बीरबल सुनते हैं। इस बांस के टुकड़े को बिना काटे हुए छोटा करना है क्या आप इसे बिना काटे छोटा कर सकते हैं?


अगर आप इस बांस के टुकड़े को बिना काटे हुए छोटा कर देंगे तो आपको हम इनाम देंगे। 


बिना हाथ पैर का यह सवाल सुनकर बीरबल चकित रह गए।


वह थोड़ी देर इधर-उधर देखें और सोचने लगे कि आखिर अकबर उनसे ऐसा प्रश्न क्यों पूछ रहे हैं?


कुछ देर तक सोचने के बाद भी बीरबल को यह सारी बातें समझ में नहीं आई।


लेकिन कुछ देर बाद वह समझ गए कि हो ना हो राजा अकबर हमसे मजाक कर रहे हैं तभी वह ऐसे सवाल हमसे पूछ रहे हैं।


कुछ देर तक बीरबल ने इस बारे में सोचा कि क्या जवाब दिया चाय अकबर के इस मजाकिया सवाल का?


फिर बीरबल के दिमाग में यह बात आई कि अकबर ने उनसे यह सवाल मजाक मजाक में किया है तो क्यों ना इस सवाल का जवाब मजाक में ही दिया जाए?


ताकि अगर सवाल का जवाब गलत भी हो तो अकबर को लगे कि यह तो मजाक में हुआ है। 


जैसे ही बीरबल ने यह सोचा वैसे ही उनके सामने से एक व्यक्ति जा रहा था जिसके हाथ में वैसे ही छोटा सा बांस का टुकड़ा था जैसा बड़ा बांस का टुकड़ा वहां पर पड़ा था।


बीरबल के दिमाग में अकबर के सवाल का जवाब आ गया और वह तुरंत उस व्यक्ति के पास गए और उनसे वह बांस का टुकड़ा लेकर आ गए।


उन्होंने उस बांस के टुकड़े को अकबर के सामने रख दिया और कहा कि देखिए आपके बांस के टुकड़े को मैंने बिना काटे छोटा कर दिया।


अब अकबर ने जिस तरह से बीरबल से सवाल पूछा था उस तरह से बीरबल ने अकबर को जवाब दे दिया। 


इस जवाब से अकबर काफी प्रसन्न हुए और भीतर ही भीतर मुस्कुराए।


अकबर को एक बार फिर से यकीन हो गया कि उन्होंने बीरबल को अपना महामंत्री या फिर मुख्य सलाहकार बनाकर किसी भी तरह की कोई गलती नहीं की है बीरबल उस लायक सच में है।


इसके बाद दोनों वापस राजा अकबर के राज दरबार में चले जाते हैं। 


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