नकली बीरबल और अकबर का किस्सा | Akbar Birbal Story In Hindi

नकली बीरबल और अकबर का किस्सा | Akbar Birbal Story In Hindi

अकबर बीरबल की कहानी बड़ी ही मजेदार और मन को खुश करने वाली होती हैं। बीरबल की समझदारी और चालाकी को देखकर एक अलग ही मजा कहानी को पढ़ने में आता है। आइए पढ़ते हैं एक ऐसी ही रोचक Akbar Birbal Ki Kahani 


 नकली बीरबल और अकबर का किस्सा

(Akbar Birbal Story In Hindi) 


इस बात को तो सभी भली-भांति जानते हैं कि अकबर का प्राण बीरबल में बसता था। अकबर के बीरबल एक खास मंत्री ही नहीं थे बल्कि एक खास दोस्त भी थे।


अकबर और बीरबल की कई कहानियां प्रसिद्ध है। एक बार एक लड़ाई के दौरान बीरबल की मृत्यु हो गई।


यह बात जब राजा अकबर तक पहुंची तो राजा अकबर को बड़ा दुख हुआ क्योंकि बीरबल राजा अकबर के दिल में बसते थे।


बीरबल ने राजा अकबर को कई बार अपनी बुद्धिमानी से कई समस्याओं से बाहर निकाला था और कई बार राजा अकबर की जान भी बचाई थी।


इसलिए राजा अकबर बीरबल को अपना मानते थे और बीरबल के लिए हर चीज करना चाहते थे।


जब उनको खबर मिली कि बीरबल की मृत्यु हो गई है तो उस दिन से वह बहुत उदास रहने लगे। 


वह कभी भी समय पर खाना नहीं खाते ना ही उनका मन दरबार में लगता।


दिन भर राजा अकबर उदास रहते थे और किसी से कुछ बात भी नहीं करते थे। शुरु शुरु में लोगों ने सोचा कि अभी अभी बीरबल की मृत्यु हुई है तो ऐसा है कुछ दिनों में अकबर अपने आप ठीक हो जाएंगे।


लेकिन देखते-देखते 6 महीने 7 महीने बीत गए लेकिन अकबर की हालत में कुछ सुधार नहीं आया। बल्कि सुधार आने की जगह पर उनकी हालत और भी बिगड़ती चली गई।


बीरबल के मरने के 6-7 महीने के बाद अकबर किसी दिन एक बार खाते तो किसी दिन खाना भी नहीं खाते थे। वह बहुत उदास रहते थे।


उनके इस हाल को देखकर उनके देशवासियों ने कई तरह के उपाय निकाले लेकिन कोई भी उपाय असरदार साबित नहीं हुई। 


तब एक बार सारे लोगों ने मिलकर यह उपाय निकाला कि क्यों ना हम नकली बीरबल की अफवाह उड़ाए।


क्योंकि जब अकबर को पता चलेगा कि बीरबल अभी जीवित है पर किसी दूसरे राज्य में रहते हैं तो उन्हें कम से कम खुशी तो मिलेगी।


ऐसा सोचकर अकबर के गुप्तचरों ने अकबर के पास झूठा समाचार देने लगे कि बीरबल अभी जीवित है लेकिन लड़ाई से बचकर वह दूसरे राज्य में जाकर अपना जीवन बीता रहे हैं।


इन सब बातों पर राजा अकबर को विश्वास नहीं था और उनके हालत में किसी भी तरह का रत्ती भर भी सुधार नहीं हुआ।


लेकिन इस अफवाह का फायदा उठाने के लिए कई नकली बीरबल अपने आपको असली बीरबल बताने लगे।


एक बार एक गांव का व्यक्ति अपने आपको असली बीरबल बताने लगा और वह इस बात का जोर शोर से प्रचार करने लगा कि वही बीरबल है।


उसने बीरबल की तरह ही समस्याओं का हल करना सीख लिया और बीरबल के साथ पहले हुए सभी घटनाओं को याद भी कर लिया। 


उस व्यक्ति की शक्ल भी बीरबल के जैसे थोड़ी बहुत मितली थी।


एक दिन राजा अकबर ने उसे महल में बुलाया ताकि वह उसकी जांच पड़ताल कर सके।


लेकिन वह महल नहीं पहुंच सका और वह बीच मार्ग में ही स्वर्गवास हो गया।


उसके मरने के बाद भी कई नकली बीरबल अकबर के पास अपने आपको असली बीरबल बताते हुए आए।


लेकिन सारे पकड़े गए और उन्हें सजा भी दी गई।


राजा अकबर को जब यह बात पता चली कि उनके गुप्तचर उनके पास झूठी खबर पहुंचा रहे हैं तो उन्होंने अपने गुप्तचरों को भी सजा सुनाई। 


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