नकलची बंदर | Moral Story Hindi Me

नकलची बंदर | Moral Story Hindi Me

 

Moral Story हमें जीवन में नैतिक शिक्षा देती है और हम जीवन में मुसीबत आए तो उससे कैसे निपटे ये सब हम इन प्रेरक कहानी के मध्यम से सीखते हैं, आइए पढ़ते हैं moral story hindi mein 

 


नकलची बंदर 

(Moral Story In Hindi)


एक खटमलपुर गांव था। उस गांव में एक टोपी बेचने वाला रहता था।


एक दिन उसे एक गांव वाले ने बताया कि आपने पास के गांव में मेला लगा है तुम्हें वहां टोपी बेचने जाना चाहिए।


टोपी बेचने वाले को उसकी सलाह अच्छी लगी और अगले ही दिन वह अपना टोपी से भरा बैग लेके दूसरे गांव चला गया।


जब वह दूसरे गांव जा रहा था तो उसे रास्ते में एक जंगल मिला। वह थक भी गया था तो वह एक पेड़ के नीचे आराम करने लगा किंतु जब वह नींद से जागा तो वह चौंक गया…..


उसका बैग खुला था और सारी टोपियां गायब थी....


जब उसने ढूंढना शुरू किया तो उसे एक पेड़ पे बहुत सारे बंदर दिखाई दिए।


उसने उन बंदरों को जब देखा तो वह चौंक गया क्योंकि सभी बंदरों ने सर पे टोपी पहन रखी थी।


टोपी वाला गुस्से के मारे तिलमिला उठा और उसने गुस्से में आकर बंदरों को पत्थर मारना शुरू कर दिया....


उसकी नकल करते हुए बंदरों ने भी पेड़ से फल तोड़कर टोपी वाले के ऊपर फेकने शुरू कर दिए ।


टोपी वाले ने दुबारा पत्थर फेंके नकलची बंदरों ने दुबारा फल तोड़कर फेकना शुरू कर दिया।


इससे टोपी वाले को एक तरकीब सूझी कि वह बंदरों से अपनी टोपी वापस कैसे ले सकता है।


टोपी वाले ने अपनी टोपी उतारी और बंदरों की तरफ फेंक दी जब नकलची बंदरों ने यह देखा तो उन्होंने भी अपने सिर की टोपियों को टोपी वाले की तरफ फेंक दिया।


टोपी वाला खुश हुआ और अपनी टोपीयों को इकठ्ठा करके बैग में रखकर दूसरे गांव की तरफ मेले में टोपी बेचने के लिए चला गया।


सीख
(Moral of the story)


जब भी हम पर मुसीबत आए तो गुस्से की जगह सूझ बूझ से काम लेना चाहिए।


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