मुसीबत का समाना | Moral Story In Hindi

मुसीबत का समाना | Moral Story In Hindi

मुसीबतें आना तो हरेक की जिंदगी में स्वाभाविक ही है, परंतु हम मुश्किलों से भागते हैं या उनका सामना करते हैं ये हमारे attitude पर निर्भर करता है। जो परेशानी से भागता है वो दबाव में बिखर जाता है और जो इससे लड़ता है वो निखर जाता है। आइए पढ़ते हैं ये बेहतरीन रोचक motivational story in hindi :



 मुसीबत का समाना

(Motivational Story In Hindi)


एक बार की बात है जंगल में एक हिरनी अत्यधिक गर्मी के कारण बहुत ही प्यासी हो जाती है और पानी की तलाश में इधर उधर भटकने लगती है और चलते चलते वह बहुत ही ज्यादा थक जाती है। 


वह जैसे ही थोड़ा आगे बढ़ती है तो उसे और प्यास लगने लगती है। वह हिरनी वहाँ रुक जाती है और अपनी थकान मिटाने लगती है।  


कुछ देर बाद उसे कहीं से पानी बहने की आवाज सुनाई देती है और वो उस आवाज का पीछा करने लगती है।  


थोड़ी ही दूर जाने पर हिरनी को एक नदी दिखायी देती है, जिसकी पानी की आवाज उसको सुनाई दे रही थी।


पानी को देखकर हिरनी बहुत ही खुश हो जाती है। पानी को पीने के लिए हिरण कुछ और पास जाने लगती है और उसकी प्यास भी बढ़ने लगती है।  


उस नदी को देखकर उसकी ख़ुशी दो गुनी हो जाती है, लेकिन तभी एक मुसीबत सामने आ जाती है। 


वह पानी पीने के लिए जैसे ही आगे बढ़ी तो उसने देखा कि दायी तरफ एक शिकारी उसका शिकार करने के लिए तैयार खड़ा है।


तभी हिरनी अपने दाए देखती है तो उसे एक शेर दिखाई देता है, जो हिरनी को मारने के लिए झाड़ियों में छुपकर बैठा होता है।  


हिरनी सोचती है कि आज तो बुरी तरह फस गए और जैसे ही वो पीछे की तरफ जाने की सोचती है तो उसको जंगल में आग दिखायी देती है।


हिरनी को कुछ समझ में नहीं आता है कि अब क्या किया जाए।


उसे हर तरफ मुसीबतें दिखायी देती है और वो कुछ देर तक सोचती है कि आज तो बहुत ही बुरा हुआ। चारों तरफ से शामत आ गई।


फिर कुछ देर तक सोचने के बाद हिरनी को लगता है कि पहले पानी तो पी ही लूं, क्योंकि मरना तो है ही अब क्यों न पहले पानी की प्यास को ही बुझा लूं।


दूसरों पर निर्भर क्यों रहना


हिरनी सोचती है और फिर पानी को पीने लगती है। इतने में आसमान में काली घटा छा जाती है और बारिश होने लग जाती है। 


बारिश होने के कारण शिकारी अपने तीर को चला देता है लेकिन उसका निशाना उससे चूक जाता है और शेर को लग जाता है। शेर को जैसे ही तीर लगता है वह उस शिकारी को देख लेता है और उसके पीछे पड़ जाता है। 


बारिश होने के कारण जगल की आग भी बुझ जाती है।


और, हिरनी जैसे ही पानी पीकर पीछे देखती है तो उसे कोई भी मुसीबत दिखाई नहीं देती है। न ही शेर, न ही शिकारी और न ही आग। अब वहाँ कोई नहीं था और हिरनी बहुत ही खुश होती है।


सीख

(Moral Of The Story)


इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि किसी भी मुसीबत से भागना नहीं चाहिए। मुसीबत चाहे कैसी भी हो उसका सामना करना चाहिए। 


जिस तरह हिरनी ने अपनी मुसीबत के समय सबसे पहले सोचा और फिर पहले वो काम किया जिसके लिए वो व्याकुल थी। उसने पानी पिया और पानी पीते ही उसकी सारी मुसीबते खत्म हो गयी। 


उसी तरह मनुष्य को भी अपनी परेशानी से डरना नहीं चाहिए। किसी भी कार्य को करने के समय कई मुसीबतें आती है, उन सभी मुसीबतों से डरना नहीं है बल्कि पहले सोचना चाहिए और फिर अपने कार्य में बने और डटे रहना है


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