लालची लोमड़ी | Moral Story In Hindi

लालची लोमड़ी | Moral Story In Hindi

लोमड़ी को बड़ा ही चालाक जानवर माना जाता है लेकिन कभी कभी समझदार लोगों को भी पटखनी खानी पड़ जाती है। आइए पढ़ते हैं ऐसी ही एक बेहतरीन रोचक Moral Story Hindi Me 


 लालची लोमड़ी 
(Moral Story In Hindi)


बहुत दिन पुरानी बात है एक दिन एक लोमड़ी जंगल में घूम रही थी। लोमड़ी को जंगल में घूमते घूमते काफी समय हो गया था लेकिन उसे खाने को कुछ नहीं मिला था इसलिए लोमड़ी को अब भूख लग रही थी।


लोमड़ी बहुत देर खाने की तलाश में इधर-उधर घूमती रही कि शायद उसे कुछ खाने को मिल जाए पर पूरे जंगल में उसे कुछ खाने को नहीं मिला।


अंतत लोमड़ी जंगल के पास वाले गांव में गई जहां पर उसे एक रोटी का टुकड़ा मिला जिसे देखकर लोमड़ी बहुत खुश हुई।


गांव में एक लकड़ी का पुल था जिसमें पानी भरा था लोमड़ी उस पुल से पार हो रही थी और पार होते वक्त यह सोच रही थी कि वह पुल के उस पार जाकर रोटी खाएगी। 


लेकिन जैसे ही वह लोमड़ी पुल के बीच में गई और नीचे पानी में देखा तो उसकी परछाई उसको उस पुल के पानी में दिखी।


जैसे ही उसने उस परछाई को देखा तो उसे ऐसा प्रतीत हुआ कि कोई दूसरा जानवर भी रोटी लिए हुए है और उसने सोचा कि क्यों ना मैं उस जानवर की रोटी को भी दबोच कर खा जाऊं?


ऐसा करने के लिए जैसे ही लोमड़ी ने अपना मुंह खोला और उस जानवर पर चिल्लाना शुरू किया। वैसे ही लोमड़ी के मुंह में जो रोती थी जिसे लोमड़ी खाने वाली थी वह भी पूल में गिर गई। 


जैसे ही लोमड़ी के मुंह से रोटी पुल में गिरी तो लोमड़ी के परछाई से भी रोटी निकल गई तब लोमड़ी को लगा कि वह जानवर उसके डर से रोटी को छोड़ दिया अब वह रोटी आराम से खा सकती है।


लेकिन जैसे ही वह सोची कि वह अपनी मुंह की रोटी खा ले उसके बाद उस रोटी को खाएगी और ऐसा सोचकर उसने जैसे ही मुंह की रोटी खानी शुरू किया तो उसे ऐसा प्रतीत हुआ कि यह तो मेरे ही मुंह की रोटी थी जो अब पुल में गिर गई।


तब उसको याद आया कि जब मैंने उस जानवर पर चिल्लाने के लिए मुंह खुली थी तो उसके मुंह से रोटी गिर गई और उसके बाद उसे यह बात भी समझ में आ‌ गई कि वह जानवर की परछाई किसी और जानवर की परछाई नहीं बल्कि मेरी ही खुद की परछाई थी और वह अपने ही परछाई पर चिल्ला रही थी और अपनी रोटी खो बैठी।


उसके बाद जैसे तैसे जो लोमड़ी को एक रोटी मिली थी उस रोटी से भी लोमड़ी को हाथ धोना पड़ा और लोमड़ी को भूखा ही रहना पड़ा। फिर लोमड़ी आगे रोटी की तलाश में बढ़ गई। 


सीख
(Moral Of The Story)

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए पहले जितना मिली उसे लेना चाहिए उसके बाद दूसरे के बारे में सोचना चाहिए अगर हम दो चीजों के चक्कर में एक बार पड़ेंगे तो हमारा हाल भी लोमड़ी की तरह होगा और कोई भी एक चीज हाथ नहीं लगेगी। कुल मिलाकर बात यह है कि हमें ज्यादा लालच नहीं करनी चाहिए। 


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