देखो देखो आया है
दिवाली का त्यौहार
सारे लोग है तैयार
मनाने को दिवाली का त्यौहार
दिवाली आएगी
खुशियां छाएंगी
दिवाली आएगी
सारा तमस दूर कर जाएगी
आओ सब मिलकर खुशी के दीपक जलाए
और गरीब लोगों की सेवा का प्रण करके
ये दिवाली का त्योहार मनाएं
खुशियों का अब होने लगा है व्यापार
कयोंकि अब नहीं मनाता कोई
मेहनत से दिवाली का त्यौहार
आभासी दुनिया में डूब गया है ये संसार
इसीलिए फीका लगता है मुझे ये त्यौहार
वो पुराना ढंग हो गया है बेकार
कयोंकि अब हर कोई करता है शॉपिंग भरमार
नहीं बनाता कोई घर में पकवान
सब मार्केट से मंगवाते है चिल्ली पोटेटो और अनार
बम फोड़ते दिवाली मनाते हैं
प्रदूषण ये लोग फैलाते हैं
और सभी कहते है कि हम दिवाली मनाते हैं
क्या वाकई ये लोग दिवाली मनाते हैं
या प्रदूषण फैलाते हैं
दिवाली तो है खुशियों का त्यौहार
फिर क्यों नहीं प्रेम बाटकर दिए जलाकर मनाते ये त्यौहार
नहीं नहीं हम नहीं मानेंगे
हम तो ऐसे ही हमेशा मनाएंगे ये त्यौहार
कयोंकि लोगों की सोच ही हो गई है बेकार
मुझे नहीं लगता
लोगों की सोच में होगा कुछ सुधार
चाहे मैं लिखूं ऐसी कविता हजार
सभी को राम राम
करो फिर से अपना वही पुराना काम
मार्केट जाओ लाओ बम हजार
जमकर फैलाओ प्रदूषण बार बार
ताकि सभी लोग हो जाएं बीमार
आख़िर में…
आपके घर में हो खुशियों का वास
इस दिवाली आपके पास धन दौलत हो अपरम्पार
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