आज की अपनी पोस्ट में हम आपके लिए लाए हैं बेहतरीन प्रेरणादाई कहानी (best motivational story in hindi) जो कि आपके जीवन में प्रेरणा रूपी बीजारोपण करेगी।
धनी सेवकराम
(Time Motivational Story In Hindi)
बड़ी ही रोचक कहानी है धनी सेवकराम की। सेवकराम का अच्छा खासा बिजनेस था कपड़ों का। वह दिल्ली के सबसे अमीर लोगों में गिना जाता था। वह अपनी उम्र के सोलहवे साल से ही कपड़ों का बिजनेस कर रहा था।
सेवकराम पैसे कमाने में बहुत मशगूल रहता था, उसके पास एक पल की भी फुरसत नहीं रहती थी। वह सुबह से शाम तक बस गल्ले पर बैठना, माल खरीदना और उसे बेचना, ये ही करता था।
सेवकराम पर पैसे कमाने का चस्का इतना हावी हो चुका था कि अब तो वो सातों दिन अपना बिजनेस करता था। ऑनलाइन हो चाहे, ऑफलाइन हर तरह से वो अपना माल बेचा करता था और लेबर को वो संडे के एक्स्ट्रा पैसे भी दिया करता था।
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सेवकराम अब रात भर जागकर अपनी दुकान से गाड़ी कमाई करने लग गया था, ओवर टाइम का पैसा सेवकराम मजदूरों को दे देता था।
सेवकराम अब करोड़पति बन गया था और पूरे दिल्ली शहर में अब उससे बड़ा करोड़पति कोई नहीं था।
इतना पैसा कमाते कमाते सेवकराम को अपना ध्यान ही नहीं रहा और अब उसकी उम्र का आखिरी पड़ाव आ चुका था, सेवकराम 80 बरस का हो चला था।
अब मृत्यु लोक से स्वयं मृत्यु देवता यमराज सेवकराम के घर पर दस्तक देने जा रहे थे।
सेवकराम मृत्यु देवता से कहता है अरे! अभी तो मैंने अपने लिए कुछ भी नही करा है, मैंने तो अपनी जिंदगी जरा सी भी नहीं जी है। मेरी तो सारी उम्र ही पैसा कमाने में बीत गई, कब मेरा बुढ़ापा आ गया मुझे पता ही नहीं चला। तुम मुझे एक साल और जीने दो। चाहे तो, मेरी आधी दौलत तुम रख लो, लेकिन मुझे एक साल और जीने दो।
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कोरोना का डरमृत्यु देवता कहते हैं ये असंभव है।
सेवकराम कहता है- अच्छा! एक साल नहीं तो मुझे कम से कम एक महीने का समय दे दो, इसके बदले में, तुम चाहो तो मुझसे मेरी सारी दौलत ले लो।
मृत्यु देवता कहते हैं ये असंभव है। मैं किसी के लिए नहीं रुकता। चाहे तुम मुझे अपनी सारी ही दौलत क्यों न दे दो, अब तुम एक महीना तो दूर एक दिन भी अब इस दुनिया में नहीं रह सकते।
इस प्रकार सेवकराम की इस संसार से विदाई हो जाती है।
सीख
(Moral Story In Hindi)
दौलत तो बाद में भी आ जाएगी लेकिन बीता समय दोबारा नहीं आता और न ही समय किसी के लिए रुकता है। हमें अपने जीवन का हर पल, हर लम्हा, हर क्षण जीना चाहिए, सेवकराम की तरह बिजनेसमैन जरूर बनो लेकिन जीवन को जरूर जियो। जीवन और समय बहुत बहुमूल्य इंसान को दिए गए उपहार हैं और उन्हें जीने का माध्यम पैसे हैं।
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