हरेक व्यक्ति के जीवन में समस्याएं आती है, कोई समस्या से डर जाता है और कोई कोई समस्या का सामना कर जाता है। हम कैसे डर पर जीत पा सकते है ये हम पर ही निर्भर करता है। आइए पढ़ते हैं ये बेहतरीन प्रेरणादाई कहानी।
डर पर जीत
(Motivational Story In Hindi)
ये प्रेरक कहानी दो दोस्तों रामू और श्यामू की है, जो कि एक छोटे से गांव बीजापुर में रहा करते थे। वे दोनों खेलते खेलते पास के ही एक जंगल में पहुंच जाते हैं।
ज्यादा देर तक खेल कटारी करने की वजह से वो दोनों जंगल में आगे तक चले जाते हैं और दोनों अपने घर का रास्ता भटक जाते हैं।
काफी रात हो चुकी थी, इसलिए उन्होंने घने पेड़ों के बीच एक गुफा में सोने की योजना बनाई और कुछ लकड़ियां गुफा में जलाकर दोनों बैठ गए।
जंगल बहुत घना था, चारों तरफ से जानवरों की आवाज़ें आ रही थी। बाहर एक दम घनघोर अंधेरा छाया हुआ था। श्यामू को डर लगने लगता है क्योंकि बचपन में श्यामू रोज टीवी में भूत प्रेत की कहानियां सुना करता था और उसके दोस्त भी भूत प्रेत के बारे में बातें किया करते थे।
रामू तो चैन से सो चुका था लेकिन श्यामू की हालत पतली थी, उसे गुफा के बाहर एक बड़ी सी परछाई दिख रही थी और उसकी वजह से श्यामू डर से कांप रहा था उसने रामू को नींद से उठाया और वो परछाई दिखाई।
रामू ने कहा यार वो परछाई इस आग की है जो हमने इस गुफा में लगा रखी है, चल अब सो जा और मुझे भी सोने दे।
थोड़ी देर में श्यामू भी सो जाता है, और अब श्यामू के सपने में एक भयंकर चुड़ैल आती है, उसके बड़े बड़े नाखून खून से रंगे होते हैं, और वो धीरे धीरे श्यामू के पास आती है और वो चुड़ैल जैसे जैसे श्यामू के पास आती है, बड़ी होती जाती है और फिर वो भयानक चुड़ैल श्यामू का गला पकड़ लेती है। तभी श्यामू उठकर बैठ जाता है और श्यामू अपने दोस्त रामू को जोर से पकड़कर फिर से उठाता है।
रामू गुस्से में कहता है यार अब क्या हुआ, अब क्यों! फिर से उठा दिया। श्यामू कहता है "मुझे काफी डर लग रहा है, मुझे सपने में भूत प्रेत दिख रहे हैं।"
रामू कहता है तू एक काम कर, जब भी तेरको भूत प्रेत दिखे तो जो मैं कह रहा हूं वो बोलना कि "मैं तुझसे नहीं डरता, हिम्मत है तो सामने आकर दिखा।"
श्यामू और रामू दोनों सो जाते हैं। इस बार फिर श्यामू को अपने सपने में चुड़ैल दिखाई देती है और श्यामू मन ही मन बोलता है 'मैं तुझसे नहीं डरता, हिम्मत है तो सामने आकर दिखा' ऐसे बार बार बोलने से चुड़ैल छोटी होती जाती है और धीरे धीरे उसके सपने से गायब हो जाती है। फिर श्यामू चैन से सो जाता है।
और, अगली सुबह श्यामू और रामू बिरजू काका के साथ वापिस अपने घर लौट आते हैं।
सीख
(Moral Of The Story)
ऐसा ही हमारी जिंदगी के साथ भी है, हमारे अंदर जितने भी डर है उससे हम जितना डरते जाते हैं वो हम पर उतना ही हावी होता जाता है लेकिन अगर हम उस डर का डटकर सामना करते हैं तो वो डर गायब हो जाता है। यकीन मानिए दोस्तों! इस दुनिया में ऐसा कोई भी डर नहीं है जो आपको डरा सके।
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